लालित्य ललित ने व्यंग्य को नई शैली दी – आचार्य राजेश कुमार

लालित्य ललित ने व्यंग्य को नई शैली दी – आचार्य राजेश कुमार

May 19, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ डेस्क

लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य के लोकार्पण के अवसर पर अपना अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए प्रोफेसर राजेश कुमार ने कहा कि लालित्य ललित के व्यंग्य परिपाटी से हटकर है और वे एक नई व्यंग्य शैली की रचना करते है। लालित्य ललित सामान्य जीवन के विषयों को उठाकर गंभीर वैचारिक व्यंग्य की रचना करते हुए समाज में फैली विकृतियों को उद्घाटित करते हुए पाठकों के लिए रोचक सामग्री प्रस्तुत करते हैं।

स्वतंत्र प्रकाशन समूह के निदेशक श्री सुशील स्वतंत्र ने कहा – लालित्य ललित के चुनिंदा व्यंग्य पुस्तक इसलिए विशिष्ट है कि इसमें रचनाकार के श्रेष्ठ व्यंग्य का संचयन सुश्री भारती ने शोध परक दृष्टि से प्रस्तुत किया है।

हिमाचल के के.आर.भारती पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा – लालित्य ललित की रचनाओं की गहन संवेदना उनकी नई दृष्टि के साथ मिलकर अभूतपूर्व व्यंग्य की रचना करती है।

सोलन से पधारे व्यंग्यकार अशोक गौतम ने कहा कि लालित्य ललित समाज की गहरी विसंगतियों को अपनी रचनाओं का विषय बनाकर पाठकों को वैचारिक संघर्ष के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

वरिष्ठ साहित्यकार सुदर्शन वशिष्ठ ने कहा लालित्य ललित की भाषा बेहद सरल होती है, जिसे वे पात्रों के माध्यम से एक सार्थक विशिष्ट रचना को प्रस्तुत करने में समर्थ होते हैं, उन्होंने कहा कि व्यंग्य रचना जैसे कठिन काम को बहुत सहजता से हासिल करने में समर्थ है।

पुस्तक की संपादक एवं संचयनकर्ता सुश्री भारती ने कहा – लालित्य ललित की रचनाओं में हाशिए से हाशिए पर रखी गई संवेदनाओं की मार्मिक अभिव्यक्ति है; उन्होंने बताया कि ललित की रचनाओं में घटनाओं की प्रस्तुति और पात्रों की उपस्थिति रचनाओं की प्रभावात्मकता को बढ़ाती है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनिवास जोशी पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए कहा – लालित्य ललित के व्यंग्य को केंद्रित करते हुए हास्य और व्यंग्य पर विषद चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से लालित्य ललित के व्यंग्य सामाजिक परिप्रेक्ष्य में व्यंग्य की नई ध्वनियों को रचना में अनुस्यूत करते हैं, जिसमें कभी- कभी पाठक को लगने लगता है कि शायद यह बात उसी को इंगित करके लिखी गई है।

सेतु के संपादक पूर्व एचएएस अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र गुप्ता ने कहा कि लालित्य ललित एक मंझे हुए व्यंग्यकार है। उन्होंने कहा कि ललित के निरंतर लेखन में हालांकि मोजर मस्ती सामने दिखाई देती है, किंतु वे प्रछ्न रूप से हृदय को भेदने वाले व्यंग्य की रचना करते है।

सुंदरनगर से आमंत्रित कथाकार गंगाराम राजी ने कहा कि लालित्य ललित की रचनात्मक निरंतरता पाठकों को अभूतपूर्व व्यंग्य के साथ लिए चलती है।