विशेष ख़बर : जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जिला प्रशासन की सार्थक पहल : कार्टून विडिओ बनाकर ‘पीकू’ के माध्यम से कर रही अपील…..

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : धमतरी जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सार्थक पहल की गई है नवाचार के माध्यम से पीकू और गंगरेल की कहानी को आकर्षक रूप से दर्शाया गया है आइए जल-जगार मनाएं, गंगरेल बचाएं के तहत लोगों से अपील की जा रही है कि पानी को व्यर्थ खर्च न करें पानी को सहेज कर रखें “जल है तो कल है” किसान भाईयों को गर्मी के सीजन में धान का फसल न लेकर दलहन और तिलहन की फसल लेने और मिट्टी उर्वरता शक्ति को बना कर रखने का आग्रह किया गया है।

पीकू – आप कौन है आप दुःखी क्यों है।

पीकू – ये तो बहुत बड़ी समस्या है।

गंगरेल- मुझे अपनी नहीं धमतरी वालों की चिंता है, मेरे बाद न जाने उनका क्या होगा, खेतों को पानी कहां से मिलेगा, लोगों की प्यास कैसे बुझेगी।

पीकू- ऐसा क्यों हो रहा है।

गंगरेल- लोगों की नादानी मुझ पर पड़ रही भारी, लोग ट्यूबवेल चलाकर छोड़ देते है जितना उपयोग करते है उससे ज्यादा बहा देते है हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है।

पीकू- आप चिंता न करें हम जल जगार मनाएंगे, गांव वालों को बताएंगे, मिलकर पानी बचाएंगे।

पीकू- नवागांव के लोगों नमस्कार, मैं पीकू हूं जल जगार मनाने आज हम लोग आपके गांव आए हैं।

गांव वालों ने पूछा – जल जगार ये क्या है।

पीकू – जल जगार पानी बचाने का अभियान है, क्या आपको मालूम है? आपके गांव के बोरवेल क्यों सूख गए क्योंकि जमीन में पानी कम है। जमीन में पानी की कमी इसलिए हो गई है क्योंकि पानी का उपयोग तो हो रहा है लेकिन पानी बचाने के उपाए नहीं किए जा रहें है। पानी बर्बाद हो रहा है।

ग्रामीणों ने कहा- पानी बचाने के लिए हम क्या करें ?

पीकू – पानी बचाने के लिए जरूरी है जल स्रोतों की सफाई, पानी की बर्बादी को कम करना, बारिश के पानी को सहेजना। हम सभी आज तलाब की सफाई करेंगे। बारिश के पानी को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से सहेजने की व्यवस्था करंेगे। पानी की बर्बादी रोकने और पानी बचाने की शपथ लेंगे।

पीकू – नमस्ते हम धमतरी जिले में पानी बचाने के लिए जल-जगार अभियान की शुरूआत करने वाले हैं। हम 21 मई से लेकर 7 जून के बीच धमतरी जिले के इन 20 गावों में आ रहें हैं। जल-जगार अभियान के अंतर्गत इन गांवों में जल संरक्षण और संवर्धन हेतु विभिन्न कार्य किए जाएंगे। आप सब से अनुरोध है कि आप इस जल जगार अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

पीकू एक दिन उड़ते हुए धान के खेत में जा पहुंचा। गर्मी के सीजन में धान के फसल को देखकर वो हैरान हो गया उसने किसान से कहा – किसान भाई आप गर्मियों के दिनों में धान की फसल क्यों लेते हैं ? धान की फसल को प्रतिवर्ग फीट 16 लीटर पानी चाहिए। अगर आप गर्मी में धान की फसल लेंगे तो सोचिए पानी की कितनी कमी हो जाएगी। क्या आप जानते हैं कि आज हमारा धमतरी जिला किस भयानक जल संकट से गुजर रहा है। मई महीने में हमारे धमतरी में लगभग 740 पेयजल पंप बंद हो चुके हैं। धमतरी जिले को जीवन देने वाले गंगरेल में भी सिर्फ चार टीएमसी पानी शेष है।

किसान – पीकू तो फिर हम करें क्या ? यहीं तो हमारे आय का स्रोत हैं।

पीकू – नहीं गर्मी  के मौसम में आय के लिए आप दलहन या तिलहन फसल का विकल्प ले सकते है। आप इसे आय भी अर्जित कर सकते और पानी भी बचा सकते है ।

किसान – उससे हमें क्या फायदा ?

पीकू – दलहन, तिलहन की खेती हमारी मिट्टी उर्वरता को बढ़ाती है। दलहन की खेती से मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं अन्य तत्व की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसका लाभ आगामी खरीफ फसलों को मिलता है और उत्पादन में वृद्धि होती है।

किसान – ऐसा तब तो मैं गर्मी में दलहन या तिलहन ही लगाऊंगा।

पीकू – किसान भैय्या तो समझ गए पानी कैसे बचाना है और धरती की उर्वरता को कैसे बढ़ाना है।

पीकू – बच्चों तुम सभी पानी से क्यों खेल रहे हो ? पानी व्यर्थ बह रहा है।

बच्चें – थोड़ा सा पानी बह गया तो क्या हुआ, पूरे जिले में इतने तो हैंडपम्प हैं।

पीकू- चलो मैं बताता हूं मैंने ऐसा क्यो कहा, देखो पानी के लिए लोगों को कितनी तकलीफ उठानी पड़ रही है पानी की बर्बादी का नतीजा देखो ट्यूबवेल सूख गया है देखो हमें जीवन देने वाली नदी सूखी हुई है गंगरेल में पानी कम हो गया है देखो किस तरह पानी बर्बाद किया जा रहा है जितना पानी खेतों को मिलता है उससे कहीं ज्यादा बर्बाद हो जाता है। अगर पानी व्यर्थ नहीं जाता तो क्या पानी के लिए तकलीफ होती ? क्या गंगरेल सूखता ? नहीं ना….

बच्चें- हम कर भी क्या सकते हैं।

पीकू – हम बहुत कुछ कर सकते हैं प्रकृति ने हमें पानी के रूप में अनमोल उपहार दिया है इसे संभलकर खर्च करना चाहिए और हमें पानी बचाना चाहिए छोटे-छोटे कदम उठाकर हम पानी बचा सकते हैं इस्तेमाल के बाद नल बंद कर देना चाहिए अगर नल खराब है तो पानी बूंद बूंद बेहतर है तो नल की मरम्मत करानी चाहिए सबसे जरूरी है बारिश के पानी का संचयन इसके लिए घर की छत पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवा कर बारिश के पानी का संचयन कर सकते हैं ।

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