प्रशासन के दामन पर लग न जाये दाग, महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर प्रकरण में जांच के स्थान पर प्रकरण को दबाने की हुई कवायद, सीएम के विधानसभा मुख्यालय का मामला….जाने कुनकुरी के किस विभागीय कार्यालय का है प्रकरण….पढ़े पूरी खबर….

समदर्शी न्यूज़, कुनकुरी : विधानसभा चुनाव के दौरान एक महिला के साथ तत्कालीन विधायक द्वारा तथाकथित दुर्व्यवहार के प्रकरण में कुनकुरी थाना प्रवेश द्वार पर धरना देकर न्याय दिलाने का प्रयास करने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने शासन काल में अपनी ही विधासभा मुख्यालय के जनपद कार्यालय में कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार एवं उत्पीड़न की शिकार हुए महिला कर्मचारी को न्याय दिलाने में भी अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगें? इस प्रकरण को लेकर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष मुखर है।

जनपद पंचायत कुनकुरी विगत दो दिनों से सोशल मीडिया में सुर्खियों में बना हुआ है। जनपद पंचायत कुनकुरी के कार्यालय में बीते गुरूवार से हाईवोल्टेज ड्रामा चल रहा हैं जिसमें एक महिला कर्मचारी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर उत्पीड़न के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, वहीं अधिकारी ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

कुनकुरी जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ महिला कर्मचारी सपना गुप्ता ने मीडिया के सामने अपने अधिकारी जनपद पंचायत के सीईओ कमलकांत श्रीवास के ऊपर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने व कार्यालयीन स्टॉफ के सामने गाली गलौच करने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि अधिकारी का खौफ इतना है कि कोई भी स्टाफ मुझसे बात नहीं करता है। महिला ने सीईओ पर और भी कई गंभीर आरोप लगाये है जिसमें उन्होने काफी लम्बे समय से प्रताड़ना का दंश सहते हुए कार्यालय में काम करने की जानकारी दी है। वहीं इस मामले में जनपद सीईओ ने महिला क्लर्क द्वारा काम में लापरवाही बरतने और जबरन विवाद करने की बात कहते हुए महिला के आरोपों को खारिज कर दिया है।

मामले को लेकर शुक्रवार को कार्यालय खुलने के समय से ही माहौल गर्म होने लगा और देखते देखते पूरे नगर में महिला का वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मामले की जानकारी होते ही कुछ देर में तहसीलदार कुनकुरी मुखदेव यादव भी जनपद कार्यालय पहूंच गये और मामले की जानकारी जनपद कार्यालय के कर्मचारियों से लेने लगे। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय के जनपद पंचायत में महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर मामला होने की जानकारी मिलते ही तहसीदार कुनकुरी के पहूंचने के कुछ देर में ही कुनकुरी थाना प्रभारी मल्लिका तिवारी भी जनपद कार्यालय पहूंची और मामले की जानकारी ली।

इस घटनाक्रम के तत्काल बाद आनन फानन में मामले को दबाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। पीड़ित एवं आरोपी पक्ष को तत्काल कुनकुरी तहसील कार्यालय में बुलाया गया और दोनो पक्षों को शासन एवं प्रशासन की हो रही बदनामी का हवाला देकर समझाईश दी गई और मामले को तूल न देते हुए शांत करा दिया गया। अंदरूनी तौर पर मिल रही जानकारी के अनुसार पीड़ित पक्ष प्रशासन की इस कार्यवाही से असंतुष्ट है और प्रशासन एवं पुलिस द्वारा उससे पूछताछ न कर एकतरफा दबाव डालकर मामले को निपटाने का आरोप लगा रहा है।

महिला प्राड़ना के इतने बड़े प्रकरण में पुलिस द्वारा पीड़िता का वीडियो देखने के बाद भी पीड़िता से पूछताछ न करना और उसका बयान न लेना पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। महिला सशक्तिकरण के इस दौर में पीड़ित महिला पर एकतरफा दबाव डालकर मामले को दबाने का प्रयास भी नगर के माहौल को गर्म बनाये हुए है। एक ओर शासन का निर्देश है कि कार्यस्थल पर महिलाओं को उत्पीड़न से सुरक्षित रखकर उन्हे कार्य करने के लिये सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराया जाये। वही महिला के साथ हुए उत्पीड़न एवं दुर्व्यवहार की जांच के बजाये बदनामी के डर से मामले को दबाने का प्रयास चर्चित है। इस प्रकरण को लेकर नगर में विभिन्न प्रकार की चर्चा व्याप्त है जिसमें स्थानीय प्रशासन की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे है वही पीड़ित महिला द्वारा न्याय प्राप्ति के लिये अन्य विकल्पों का सहरा लेने का विषय भी चर्चा में है।

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