विशेष ख़बर : कुनकुरी का खेल मैदान इस श्रवण कुमार को भी रखेगा याद ! जिस स्थान से पिता का हटवाया गया था बैनर-फ्लैक्स….उसी खेल मैदान में पिता की स्मृति में भाईयों ने मिलकर करा दिया प्रतियोगिता का आयोजन….

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समदर्शी न्यूज़, कुनकुरी : एक प्रतियोगिता में दोहरी जीत का गवाह बना कुनकुरी नगर का खेल मैदान। पहली जीत में प्रतियोगिता के फायनल मैच में जीत हासिल कर टीम ने जीत पाई वहीं दूसरी ओर नगर के ही एक बेटे ने इसी मैदान पर अपने स्वर्गीय पिता के हुए अपमान की पीड़ा से अपने परिवार को बाहर निकाल कर सम्मान प्राप्त करने की जीत हासिल की है। कुनकुरी नगर का खेल मैदान अपनी कई यादो को संजोए रखा है। दसकों से इस खेल मैदान पर कई प्रतियोगिताएं आयोजित हुई है। कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। कई हार व कई जीत की गवाह रहा है यह खेल मैदान। इन सभी यादों के बीच एक बेटे को अपने स्वर्गीय पिता के हुए अपमान की भी याद दिलाता रहा है यह खेल मैदान। दो दिन पूर्व सम्पन्न हुए रात्रीकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता में इस खेल मैदान में फायलन मैच में जशपुर की टीम तो विजेता हुई साथ ही एक पुत्र को अपने स्वर्गीय पिता को सम्मान दिलाने की भी जीत हुई है।

विगत वर्ष भर पूर्व इसी खेल मैदान पर आयोजित हुई खेल प्रतियोगिता में नगर के युवा एवं युवा कांग्रेस विधानसभा के अध्यक्ष रूफी खान ने अपने परिवार के साथ अपने स्वर्गीय पिता अशलम शेर की स्मृति में प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार एवं ट्राफी को स्पांसर किया था। जिसके लिये आयोजन समिति से स्वीकृति लेकर सारी औपचारिकताएं एवं प्रचार सामग्री की तैयांरियां पूर्ण कर ली गई थी। खेल मैदान पर फ्लैक्सी लगने के दौरान अचानक आयोजन समिति एवं तत्कालीन विधायक द्वारा अनायास लगी हुई फ्लैक्सी को हटवा दिया गया। आयोजन प्रारंभ होने से पूर्व उपजे इस विवाद से क्षुब्ध पुत्र रूफी खान द्वारा प्रथम पुरस्कार के स्पांसरशीप को भी वापस ले लिया गया था।

वर्ष भर से भी अधिक समय से इस अपमान का दंश झेल रहा स्वर्गीय अशलम शेर का परिवार अपने परिवार के हुए इस अपमान के कलंक को मिटाने के लिये इस वर्ष इसी खेल मैदान पर आयोजित हो रही रात्रीकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता को अपने स्वर्गीय पिता की स्मृति में आयोजित कराकर इसके प्रथम पुरस्कार एवं विजेता ट्राफी को पिता की स्मृति में स्पांसर कर खोया सम्मान वापस प्राप्त किया। विगत दो सप्ताह तक प्रतिदिन रात्री में आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिताओं में उद्घाटन से लेकर समापन समारोह तक आये अनेक अतिथियों ने स्वर्गीय अशलम शेर को याद किया तथा उनके द्वारा राजनैतिक व सामाजिक क्षेत्रों में किये गये कार्यो का भी स्मरण कराया और अपनी श्रद्धांजली दी।

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