ग्लोरी परिवार ढाबा संचालक पर प्राणघातक हमला करने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार, आपराधिक षड्यंत्र करने व रेकी करने में प्रयुक्त सेल्टोस कार जप्त, कार्यवाही कर भेजा गया न्यायिक रिमाण्ड पर.
June 2, 2024आरोपी आयुष काले अपने अन्य तीन साथियों के साथ षडयंत्र कर ढाबा संचालक पर किया था प्राणघातक हमला.
अन्य तीन आरोपियों की जल्द होगी गिरफ्तारी, घटना कारित कर सभी चार आरोपी हुये थे फरार.
गुंडा बदमाश चाकूबाज हो जाए सावधान, होगी गंभीर धाराओं में कार्यवाही.
नाम आरोपी – 1. आयुष काले उर्फ सिब्बू पिता चंद्रशेखर राव उम्र 29 वर्ष निवासी नेचर सिटी थाना सकरी जिला बिलासपुर (छ.ग.)
समदर्शी न्यूज़ – बिलासपुर/कोनी : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 30 मई 2024 को रात्रि में ग्लोरी परिवार ढ़ाबा ग्राम गतौरी के संचालक लवकेश भोसले उर्फ लवी पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा प्राणघातक हमला किया गया था। आहत की गंभीर स्थिति को देखते हुये तत्काल डाक्टरी मुलाहिजा कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अज्ञात आरोपी के विरूद्ध हत्या का प्रयास करने के मामले में थाना कोनी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह को सूचित किया गया जिनके द्वारा तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश पर सायबर सेल एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार मुख्य आरोपी आयुष काले के भिलाई नेहरू नगर में छुपे होने की सूचना पर थाना कोनी पुलिस से तत्काल टीम रवाना किया गया। जिसे भिलाई से हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर बताया कि माह नवंबर 2023 में तुलजा भवानी में जगराता कार्यक्रम के दौरान आहत से झगडा-विवाद हुआ था। उसी रंजिश को लेकर आहत पर प्राणघातक हमला करने की योजना बनाये थे। बिलासपुर एवं भिलाई के अन्य तीन साथियों के साथ मिलकर योजना बनाकर घटना दिनांक 30 मई 2024 रात्रि में एक आरोपी से धारदार हथियार से हमला करवाए है। अन्य तीन साथी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतू हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उक्त आरोपी को आज दिनांक 02 जून 2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
इस प्रकरण की कार्यवाही में नगर पुलिस अधीक्षक सरकण्डा श्री सिद्धार्थ बघेल, थाना प्रभारी गोपाल सतपथी, सहायक उपनिरीक्षक सुरेन्द्र तिवारी, प्रधान आरक्षक अरविंद सिह, आरक्षक महादेव कुजूर, आरक्षक राकेश साहू, आरक्षक विजेन्द्र सिंह, आरक्षक समारू लकड़ा, आरक्षक मनोज बघेल का सराहनीय योगदान रहा है।