धान के एमएसपी में मात्र 5 प्रतिशत की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा के समान- दीपक बैज

समदर्शी न्यूज़, रायपुर : खरीफ सीजन 2024-25 के लिए घोषित, समर्थन मूल्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में मात्र 5.35 प्रतिशत की वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। कृषि की लागत दिनों दिन बढ़ रही है मजदूरी, खाद, बीज और कीटनाशकों की कीमत आसमान छू रही है। 2022 तक किसानों की आय दुगुना करने का वायदा जुमला साबित हुआ, किसानों को उम्मीद थी कि मोदी जी किसानों से 2014 में किए गए अपने सी-2 फार्मूले पर लागत से 50 प्रतिशत लाभ के साथ एमएसपी देने के वादे पर अमल करेंगे, लेकिन मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में किये गये वायदे के अनुसार 3100 रू प्रति क्विंटल की दर में इस वर्ष के एमएसपी की वृद्वि 117 रू को जोड़कर छत्तीसगढ़ के किसानों से 3217 रू प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने की घोषणा साय सरकार को तत्काल करना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यूपीए के दौरान 2003-04 से लेकर 2013-14 तक धान के एमएसपी में 134 प्रतिशत की वृद्धि की गई। 560 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर वर्ष 2013-14 में 1310 तक पहुंचा। मोदी सरकार आने के बाद धान की औसत एमएसपी वृद्धि यूपीए सरकार की तुलना में आधे से भी कम रही। 2013-14 में 1310 रूपए प्रति क्विंटल से 2023-24 में 2183 रूपए प्रति क्विंटल, अर्थात मोदी सरकार के दस साल में धान की एमएसपी केवल 66.64 प्रतिशत बढ़ी है। इस खरीफ सीजन 2024-25 में 2183 रू प्रति क्विंटल से मात्र 117 रू बढ़ाकर 2300 रू किया गया है जो अपर्याप्त है। बेहद स्पष्ट है कि मोदी सरकार में ऐतिहासिक तौर पर फसलों की एमएसपी में सबसे कम वृद्धि हुई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जिन्होंने कृषि उपकरणों पर 28 परसेंट का भारी भरकम जीएसटी लगाया। पोटाश की कीमत 3 गुना बढ़ा दी। खाद बीज और कीटनाशक के दाम आसमान छू रहे हैं। डीजल पर 2024 की तुलना में 8 गुना अधिक सेंट्रल एक्साइज वसूली जा रही है। चावल के निर्यात पर 10 प्रतिशत की भारी भरकम सेंट्रल एक्साईज मोदी सरकार ने वसूला है। कनकी और चावल के निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की कमर तोड़ दी। भारी भरकम जीएसटी लगाकर उत्पादन लागत बढ़ाया, किसानों की जेब में डकैती की, लेकिन जब-जब किसानों को देने की बारी आती है तो एमएसपी पर मात्र 3 से 5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि कर एहसान जताने ढोल पीटते हैं। कांग्रेस सरकारों के समय की एमएसपी वृद्धि दर को यदि मोदी सरकार यथावत रख पाती तो आज किसानों को धान का एमएसपी कम से कम साढ़े तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से मिलता।

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