JASHPUR NEWS : कमिश्नर सरगुजा की उपस्थिति में जिला पंचायत स्थित सभागार में कार्यशाला आयोजित कर नये कानून के संबंध में की गई परिचर्चा, जागरूकता रैली निकालकर आमजनों को नये कानून के संबंध में दी गई जानकारी !

JASHPUR NEWS : कमिश्नर सरगुजा की उपस्थिति में जिला पंचायत स्थित सभागार में कार्यशाला आयोजित कर नये कानून के संबंध में की गई परिचर्चा, जागरूकता रैली निकालकर आमजनों को नये कानून के संबंध में दी गई जानकारी !

June 28, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – जशपुर : देश भर में 1 जुलाई 2024 से 03 नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। तीन नए आपराधिक कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसएस) 2023 को लेकर पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में जशपुर पुलिस द्वारा जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला स्तरीय महत्वपूर्ण कार्यशाला एवं जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। इस दौरान भारी संख्या संख्या में आम जनता, विभिन्न महिला संगठनों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विधार्थी एवं एन.सी.सी. कैडेट भी उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा रक्षित केन्द्र जशपुर में उपस्थित जनसमूह एवं छात्रों को संबोधित करते हुये उन्हें नये महिला सुरक्षा कानून पर विस्तृत एवं बारीकी से जानकारी देते हुये कहा कि नये कानून में अब धारा 68, 69 के तहत् पहचान छिपाकर शादी करना या शादी का झूठा वादा कर यौन कृत्य करने को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है, धारा 70 के तहत् सभी प्रकार के सामूहिक दु:ष्कर्म के लिये 20 वर्ष या आजीवन कारावास का प्रावधान है। धारा 89 के तहत् महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने पर आजीवन कारावास से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

तत्पश्चात पुलिस विभाग, आम जनता, एन.सी.सी. कैडेट एवं विभिन्न महिलाओं के समूह द्वारा एक साथ पुलिस लाईन जशपुर से रैली निकालकर पूरे जशपुर शहर में भ्रमण कर पांम्पलेट बांटकर आम जनता को नये कानून के संबंध में जानकारी दी गई, उसके बाद सभी जिला पंचायत जशपुर स्थित सभागार में पहुंचे, जहाँ जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं नगर में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

सरगुजा कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को बताया गया कि 01 जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है। नवीन कानून की अवश्यकता एवं अपरिहार्यता के सम्बन्ध में अपना व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़ी गई नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओं एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दी। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं, बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक जशपुर ने अपने उद्बोधन में बताया कि नए कानूनों के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। महिला सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, लैंगिक समानता, हत्या का प्रयास, संगठित अपराध के संबंध में बारीकी से जानकारी देकर उनकी सजा के संबंध में बताया गया है।

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध सामने आ रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 इन नए प्रकार के अपराधों के लिए उपयुक्त कानूनी उपाय प्रस्तुत करती हैं। इनका उद्देश्य अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त करने के साथ नए समय के साथ नए प्रावधान और समाधान प्रस्तुत करना भी है। नए कानूनों से दोष सिद्धि दर में सुधार के साथ-साथ समय से न्याय मिलने की भी उम्मीद है।

इसके पश्चात उप संचालक लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुरेश कुमार साहू, लोक अभियोजक श्री विपिन कुमार शर्मा एवं श्री राहुल गुप्ता द्वारा पॉवर पांईंट प्रेजेंटेंशन के माध्यम से नवीन कानून में लाए गए महत्वपूर्ण प्रावधान, संशोधन व अन्य विषय वस्तु के सम्बन्ध में बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 ने भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित किया है, जिसमें 358 धाराओं को शामिल किया गया है। IPC के अधिकांश प्रावधानों को बनाये रखा गया है, नये अपराधों को पेश किया गया है, न्यायालय द्वारा बाधित धाराओं को समाप्त किया गया है और विभिन्न अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया है, जिस के संबंध में बारीकी से बताया गया है।