नवीन कानूनों के क्रियान्वयन की दिशा में आम नागरिकों को ‘भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ के प्रति जागरूक करने एक दिवसीय सेमीनार कार्यक्रम का किया गया आयोजन.

समदर्शी न्यूज़ – अंबिकापुर : सरगुजा पुलिस द्वारा जारी अभियान ऑपरेशन विश्वास के अंतर्गत आज दिनांक को पीजी कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में नवीन कानूनों के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में छात्र-छात्राओं, विभिन्न गैर सरकारी संगठन, वरिष्ठ पत्रकारों, समाज के सभी वर्गों के प्रबुद्धजनों में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री अंकित गर्ग द्वारा दीप प्रज्वलन कर सेमिनार कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री योगेश पटेल द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री अंकित गर्ग एवं कमिश्नर सरगुजा संभाग श्री जी.आर.चुरेंद्र का पुष्पगुच्छ से स्वागत सम्मान किया गया।

सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री अंकित गर्ग ने कहा कि समाज के सभी वर्गों में नवीन कानूनों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इस सेमिनार का आयोजन किया गया हैं, सेमिनार का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों की दिनचर्या से जुड़े हुए कानूनों एवं आम नागरिकों को प्रभावित करने वाले कानूनों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करना हैं। पूर्व प्रचलित क़ानून सन 1860 से देश में प्रभावशील था और यही क़ानून आम लोगों की सामान्य दिनचर्या का हिस्सा रहे हैं। पूर्व प्रचलित क़ानून लम्बे समय से चले आ रहे थे, नवीन कानूनों के सम्बन्ध में कार्यशाला एवं सेमिनार के माध्यम से जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को क़ानून में हुए बदलाव की जानकारी दी जा रही हैं। नवीन क़ानून में जीरो एफआईआर की सुविधा हैं, जिसमें आम व्यक्ति किसी भी क्षेत्र के थाने में अपनी शिकायत एवं रिपोर्ट दर्ज करा सकता हैं, थाना क्षेत्र की सीमा को दूर करने के अन्य प्रावधान भी दिए गए हैं, जीरो एफआईआर के तहत अपराध दर्ज कर सम्बंधित थाने को प्रकरण अग्रिम जांच हेतु निश्चित समयावधि में भेजा जाना होगा साथ ही नवीन क़ानून में कई ऐसे ही कई बदलाव किये गए हैं, जो आम नागरिकों के प्रति जवाबदेही तय करते हैं एवं दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाया गया हैं। उपरोक्त नवीन क़ानून भारतीय परिस्तिथियो को ध्यान में रख कर भारतीयों द्वारा तैयार किया गया हैं। वीडियोग्राफी, ऑडियोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में शामिल किया गया हैं, पुराने क़ानून की स्वीकार्यता नवीन परिस्थितियों के हिसाब से भिन्न थी, अब साइबर अपराध, आतंकवाद, संगठित अपराध, मॉब लिंचिंग सम्बन्धी अपराधों की नवीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर नवीन क़ानून को लागु किया जाना आवश्यक था।

सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर सरगुजा श्री विलास भोस्कर ने कहा कि 01 जुलाई 2024 से नया क़ानून लागू होना सुनिश्चित हैं, पुराने कानूनों में कुछ व्यवहारिक परिवर्तन किया गया हैं, कुछ नियम बदले गए हैं और कुछ नियम जो वर्तमान के लिए आवश्यक थे उन्हें जोड़ा गया हैं। जिला प्रशासन, पुलिस एवं माननीय न्यायालय द्वारा आम नागरिकों को नवीन क़ानून के सम्बन्ध में सम्यक जानकारी दी जा रही हैं, न्याय प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए नागरिक केंद्रित क़ानून बनाया गया हैं, आप सब नवीन क़ानून का प्रचार-प्रसार करें, जन-जन तक नवीन कानूनों को पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सबकी हैं, पुराने कानूनों में बदलाव कर नवीन कानूनों को सरल एवं पारदर्शी किया गया हैं एवं आम जनता को अपने अधिकारों की रक्षा हेतु नये क़ानून को आत्मसात करने की जानकारी दी गई।

सेमिनार कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री योगेश पटेल ने कहा कि जो क़ानून अंग्रेजों के द्वारा उस समय की परिस्थितियों को देखकर बनाये गए थे, वो अब नवीन परिस्थितियों के हिसाब से कानूनों में बदलाव किया जाना आवश्यक था, तीनों नवीन क़ानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम को वर्तमान में लागू किया जाना हैं, आपराधिक क़ानून देश के प्रत्येक व्यक्ति पर लागु होते हैं और सबको प्रभावित करते हैं, पुराने क़ानून औपनिवेशिक काल में लागू किये गए थे, पुराने क़ानून में आज की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बदलाव की आवश्यकता महसूस की जाती रही थी। नवीन क़ानून में नये अपराध को सम्मिलित कर नये क़ानून लाये गए हैं, पुराने कुछ क़ानून को समाप्त किया गया, नवीन कानूनों में ई-एफआईआर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दर्ज करा सकते हैं, बच्चों एवं महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के विरुद्ध सख़्ती से कार्यवाही किये जाने के प्रावधान किये गए हैं साथ ही आतंकवाद, मॉब लिंचिंग में सख्त प्रावधान किये गए हैं। पूर्व में कोर्ट की प्रक्रिया में काफी समय लगता था, जिसे अब समय सीमा के अंदर तय किया गया हैं, उपरोक्त नवीन क़ानून सम्पूर्ण प्रक्रिया को दंड व्यवस्था से न्याय व्यवस्था की ओर लाये जाने हेतु महत्वपूर्ण कदम होना बताया गया।  नवीन क़ानून का लाभ आम नागरिकों को प्रदान करने एवं नागरिकों की सुविधाओं से जुड़े नवीन प्रावधानों की जानकारी दिए जाने हेतु सेमीनार का आयोजन सरगुजा पुलिस द्वारा किया गया है।

नवीन क़ानून सम्बन्धी सेमिनार कार्यक्रम में समाज के प्रबुद्धजनों, शिक्षित वर्ग, गैर सरकारी संगठनों, पीजी कॉलेज प्राचार्य, साईं बाबा आदर्श महाविद्यालय के प्राचार्य, सहायक अभियोजन अधिकारियों, नवाबिहान टीम, ब्रम्हकुमारी बहनों सहित पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा मंच से अपने नवीन क़ानून की सम्यक जानकारी हेतु वक्तव्य दिया गया और नवीन क़ानून के प्रचार-प्रसार पर जोर देकर जन-जन तक सम्यक जानकारी प्रदान करने की बात बताई गई। विधि विशेषज्ञ द्वारा नवीन कानून की जानकारी छात्र-छात्राओं सहित आम नागरिकों को प्रदान की गई।

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