ऑनलाईन सायबर ठगी करने वाले बांगलादेशी व कैमरून मूल के दो अन्तर्राष्ट्रीय ठगों सहित कुल चार शातिर जालसाजों पर बड़ी कार्यवाही : वॉट्स-अप एवं टेलीग्राम एप के माध्यम से होटल, किला, लॉज की रिव्यु रेंटिंग कर कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर किये थे ठगी.
July 1, 2024डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेन्ज बिलासपुर के निर्देशन एवं श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के मार्गदर्शन में सायबर अपराध पर ’’प्रहार’’.
सायबर ठगों के झांसे में आकर प्रार्थी ने गंवाये थे करीबन 27 लाख रूपये, पुलिस ने अब तक ठगी की राशि में से प्रार्थी को करीब 9 लाख रूपये कराये वापस.
सेकेण्ड हेण्ड मोबाईल, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक अकाउंट का आरोपी धोखाधड़ी करने में करते थे उपयोग.
बैंक स्टेटमेंट, ए.टी.एम. फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इन्पुट से पुलिस पहुँची शातिर अपराधियों तक.
अपराधियों से 02 लैपटॉप, 04 मोबाईल फोन, 06 ए.टी.एम.कार्ड, 02 पासपोर्ट एवं बैंकों की पासबुक की गई है बरामद.
रेंज सायबर थाना बिलासपुर व ए.सी.सी.यू. (सायबर सेल) बिलासपुर टीम ने संयुक्त कार्यवाही कर 01 सप्ताह से अधिक समय तक हिमांचल प्रदेश के शिमला व सिलोन में डेरा डालकर कार्यवाही करने बाद पुलिस को मिली सफलता.
अपराध क्रमांक 199/2024 धारा 420, 201, 34 भादवि एवं 66(डी) आई.टी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध.
नाम गिरफ्तार आरोपी –
01. प्रियांशु रंजन पिता विजय कुमार पाण्डेय उम्र 20 वर्ष निवासी एसबीआई भास्कर रॉव नगर साई जीएनआज रेसीडेंनसी प्लॉट नं. 08, 09 सैनिकपुरी हैदराबाद हाल निवासी बाहरादुनौती वाक्माघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश)।
02. राजवीर सिंह पिता भारत सिंह उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम व पोस्ट कलालकरन जिला (जम्मू काश्मीर) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश)।
03. मो. शोबुज मोरल पिता मो. शहाबुद्दीन मोरल उम्र 25 वर्ष निवासी तेलीखानी दारून मोरनी खुलना बांग्लादेश हाल निवासी बाहरा यूनीवर्सिटी कलाघाट शिमला (हिमाचल प्रदेश)
04. टेम्कु कार्ल नगेह पिता टेग्फ रिचर्डस उम्र 22 वर्ष निवासी बामेन्डा ३ नर्कन कमेरुनियन (Tamfu Karl Ngeh S/O Tamfu Richard Age 22 Year Address Bamenda 3 Nkwen Cameroonian) हाल निवासी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन (हिमाचल प्रदेश).
समदर्शी न्यूज़ – बिलासपुर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी सियाशरण तिवारी निवासी मोपका बिलासपुर (छ.ग.) को अज्ञात मोबाईल धारक द्वारा वॉट्स्-अप के माधयम से संपर्क कर घर में रहकर कार्य करने व लाभ अर्जित करने का प्रलोभन दिया गया एवं ऑनलाईन टेलीग्राम एप के माध्यम से लिंक भेज कर गूगल मैप पर होटल, लॉज, किला की ऑनलाईन रिव्यू रेटिंग कर उसका स्क्रीन शॉट भेजने पर आय अर्जित कराने के नाम पर प्रार्थी से कुल 27,80,510/- रूपये ठगी करने की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करने सायबर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर अवलोकन किया गया, संदिग्ध बैंक खातों को चिन्हांकित कर बैंक स्टेटमेंट, ए.टी.एम. फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इन्पुट के आधार पर आरोपियों के हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन के आसपास में ठिकाना बनाकर अपराध करने की जानकारी प्राप्त हुई।
डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेन्ज बिलासपुर एवं श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा धोखाधड़ी व सायबर अपराधों की समीक्षा कर समस्त राजपत्रित अधिकारियों को विशेष निर्देश दिये गये थे। इस निर्देश के परिपालन में एक विशेष टीम निरीक्षक राजेश मिश्रा के निर्देशन में हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन की ओर रवाना की गई थी। टीम द्वारा 01 सप्ताह से अधिक समय तक हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन में रहकर आरोपियों का पता ठिकाना ज्ञात कर विवेचना प्रारम्भ की गई, जो आरोपीगण ऑनलाईन ठगी का काम करने में संलिप्त होने की जानकारी प्राप्त हुई। स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपी प्रियांशु रंजन निवासी हैदराबाद को हिरासत में लेकर पुछताछ किया गया, जो अपने साथी मो. शोबुल, राजवीर सिंह व टेम्फु कार्ल नगेह के साथ मिलकर विगत 01 वर्ष से अधिक समय से टेलीग्राम एप के माध्यम से लोगों को जोड़ कर विभिन्न प्रकार से मुनाफा कमाने के नाम पर ऑनलाईन ठगी का काम करना स्वीकार किये हैं। ठगी के काम में उपयोग में आने वाले मोबाईल फोन, लैपटॉप, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक खाते जप्त किये गये हैं, गिरफ्तार किये गये चारों आरोपी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन के छात्र हैं, गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर माननीय न्यायालय में पेश किया जायेगा।
इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर श्री उमेश कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं ए.सी.सी.यू. बिलासपुर श्री अनुज कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक चकरभाठा श्री निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में निरीक्षक राजेश मिश्रा प्रभारी ए.सी.सी.यू. एवं रेंज सायबर थाना बिलासपुर उपनिरीक्षक अजय वारे, सहायक उपनिरीक्षक सुरेश पाठक, आरक्षक विजेन्द्र मरकाम, आरक्षक श्रीश तिवारी, आरक्षक मुकेश वर्मा व अन्य का विशेष योगदान रहा है।
बिलासपुर पुलिस की अपील –
* सायबर ठग आये दिन नये-नये तरीकों के माधयम से आम जनता से धोखाधडी करने का प्रयास करते हैं – कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सी.बी.आई. अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करते हैं, ऐसे कॉल से सावधान रहे। बिलासपुर पुलिस इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानों में आम जनता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में मोबाईल नम्बर एवं व्यक्तिगत जानकारी हाईड किया जा रहा है।
* अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाईल पर सेव नहीं है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें।
* अनजान वेबसाईट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचें।
* कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें, खुद को स्वयं होकर ठगों के पास न पहूँचाये।
* स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हॉट्स-एप इत्यादि के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाईव चैंट) करने से बचें।
* परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने का झांसा देने वाले व्यक्तियों खासकर 92 नम्बरों से आने वाले वाट्स-अप कॉल से बचने का प्रयास करें।
* गुगल सर्च इंजन पर आमजन अपनी सुविधानुसार कस्टमर केयर का नम्बर प्राप्त करने वेब ब्राउजर पर नम्बर सर्च करता है, किन्तु वेबसाईट की जांच परख किये बिना उपलबद्ध नम्बर पर संपर्क कर फ्रॉड में फंसकर अपनी जमा पुंजी एवं निजी जानकारी खो बैठता है।
* गुगल प्ले स्टोर अथवा वेब ब्राउजर अथवा सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, वाट्स-अप लिंक के माध्यम से डाउनलोड किये गये लोन एप आपको कुछ राशि देने के एवज में आपके फोन का डाटा जिसमें आपके मोबाईल में संरक्षित परिचित व्यक्तियों के मोबाईल नम्बर, फोटो, विडीयो आदि आपके परमिशन से अपने पास सुरक्षित रख लेते है एवं आपकी निजी जानकारी फोटो एडिट कर अश्लील में परिवर्तित कर आपके परिचितों में फैला देने एवं लोन राशि ब्याज सहित वापस करने का दबाव बनाकर एवं ब्लैकमेंल कर रकम की उगाही की जाती है।
* उपरोक्त के अतिरिक्त भी आपकी बैंकिंग जानकारी एवं ओ.टी.पी. व क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के पीछे छपे सी.वी.वी. नम्बर प्राप्त कर भी फ्रॉड किया जाता है, जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपरोक्तानुसार सावधानी बरतने के बाद भी यदि साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते है तो निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते है –
* तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें.
* हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है.
* https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं.