बिजली कटौती और दाम बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस का प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन : प्रदेश के सभी 307 संगठन ब्लॉकों में दिया गया धरना.

बिजली कटौती और दाम बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस का प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन : प्रदेश के सभी 307 संगठन ब्लॉकों में दिया गया धरना.

July 8, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ – रायपुर | बिजली कटौती और बिजली के दामों की बढ़ोतरी के विरोध में कांग्रेस ने आज प्रदेश के सभी ब्लॉकों में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। राज्य में जब से भाजपा की सरकार बनी है बिजली की कटौती से जनता परेशान है। बिजली कटौती और महंगी बिजली के कारण परेशान जनता की आवाज को उठाने कांग्रेस ने जन आंदोलन छेड़ा है।

कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता गण अपने-अपने क्षेत्रों के ब्लॉकों में आयोजित धरनों में शामिल हुये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के धरने में शामिल हुये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजधानी के राजीव गांधी चौक के धरने में तथा पूर्व मुख्यमंत्री कुशालपुर रिंग रोड, सिद्धार्थ चौक, राजीव गांधी चौक के धरने में शामिल हुये। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत जांजगीर-चांपा सक्ती के धरने में शामिल हुये।

राजधानी रायपुर के धरने को संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले 6 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटों बिजली गोल हो जाती है। भाजपा से न सरकार संभल पा रहा और न ही व्यवस्थायें। सरकार एक तो पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही, ऊपर से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ डाल रही है। प्रदेश के अनेक जिलों में तो पूरी रात बिजली कटौती हो रही है। भाजपा सरकार में आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं।

कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी। रवि फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली निःशुल्क मिलता था। कांग्रेस की सरकार ने 5 वर्षों तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू किया था, जिसका लाभ प्रदेश के 44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था, जिसे 5 साल में प्रत्येक उपभोक्ता का 40 से 50 हजार रुपये तक की बचत हुई है। 1000 रुपये महिना महिलाओं को देकर भाजपा सरकार बिजली बिल के रूप में दुगुना वसूल रही है।

धरने को संबोधित करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय पूरे 5 साल सरप्लस बिजली छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को मिलता रहा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद तेलंगाना, गोवा, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों को पावर एक्सचेंज एग्रीमेंट के तहत छत्तीसगढ़ से बिजली सप्लाई की जाती थी। अब भाजपा की डबल इंजन की सरकार में अघोषित तौर पर बिजली की कटौती जारी है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मांग से अधिक मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार आने के बाद से विद्युत का उत्पादन और आपूर्ती दुर्भावनापूर्वक बाधित किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हर साल लगभग साढ़े 7 प्रतिशत की दर से बिजली के डिमांड बढ़ने का अनुमान लगाते हुए कोरबा पश्चिम में 1320 मेगावाट संयंत्र की स्थापन के लिए आधारशिला रखी थी, जिसे भाजपा की सरकार आने के बाद से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की जनता बिजली, पानी जैसे मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार निजी कंपनियों पर निर्भरता बढ़ाकर जनता को लूटने का षड्यंत्र कर रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये गए ‘‘विद्युत संशोधन 2020 विधेयक’’ को रोकना होगा, अन्यथा बिजली की दरें आसमान छूने लगेगी।

2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार हर साल बिजली की दरों में वृद्धि की एवं 15 वर्षो में लगभग 300 प्रतिशत अर्थात् बिजली की दर में तीन गुना वृद्धि की गयी थी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को विभाजित कर पांच कंपनी बनाकर उसका आर्थिक बोझ जनता के ऊपर डाला था, अब वही दौर फिर से शुरु हो गया है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के घाटों को पाटते हुये बिजली बिल हॉफ योजना के अंतर्गत 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रुपये सब्सिडी देकर बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत दी है। वहीं किसानों को 5 एचपी निःशुल्क बिजली, बीपीएल के उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली, अस्पतालों, उद्योगों को सस्ती दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाई है। भाजपा की सरकार आने के बाद बिजली कटौती शुरू हो गई और बिल दुगुना आने लगे।