ऑपरेशन विश्वास अभियान : कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सरगुजा पुलिस की कड़ी कार्यवाही : मामले का फरार आरोपी किया गया गिरफ्तार, कार्यवाही कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.
July 10, 2024थाना लखनपुर पुलिस टीम द्वारा मामले में आरोपी के विरुद्ध की गई सख्त वैधानिक कार्यवाही.
पुलिस टीम द्वारा पूर्व में मौक़े से 06 नग मवेशी एवं घटना में प्रयुक्त पिक-अप वाहन किया गया था जप्त.
मामले में पशु क्रूरता अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत भी की जा रही कड़ी कार्यवाही.
समदर्शी न्यूज़ अंबिकापुर, 10 जुलाई 2024 | सरगुजा पुलिस द्वारा जारी अभियान ‘ऑपरेशन विश्वास’ के अंतर्गत आपराधिक गतिविधियों में शामिल आरोपियों की लगातार धरपकड़ की जा रही हैं। इसी क्रम में प्रकरण के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि घटना दिनांक 14 जुलाई 2023 को लखनपुर पुलिस टीम को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई थी कि सिंगीटाना अमेरा रोड़ में एक पिक-अप वाहन कीचड़ मे फंसा हुआ हैं, जिसमें मवेशी बांधकर रखे गए हैं और पिक-अप वाहन चालक मौक़े से पिक-अप वाहन को छोड़कर फरार हो गया हैं।
सूचना पर पुलिस टीम द्वारा मौक़े पर रवाना होकर देखा गया, मौक़े पर पिक-अप क्रमांक जेएच 19 डी 3451 में छः नग मवेशी बांधकर रखे गए थे। पुलिस टीम द्वारा घटना-स्थल से उक्त पिक-अप एवं मवेशियों को बरामद किया गया था एवं मामले में थाना लखनपुर में अपराध क्रमांक 150/23 धारा छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम धारा 4,6,10 एवं पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 (घ) का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी का पता तलाश की जा रही थी।
विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर आरोपी की घेराबंदी कर पकड़ कर पूछताछ किया गया। आरोपी द्वारा अपना नाम मो. नसीम अंसारी उम्र 33 वर्ष साकिन दौवनादाग़ थाना रंका जिला गढ़वा झारखण्ड का होना बताया गया। आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर मवेशियों को क्रूरतापूर्वक पिक-अप वाहन में बांधकर बुचड़खाना झारखण्ड ले जाते समय कीचड़ में पिक-अप वाहन फंसने पर पिक-अप वाहन एवं मवेशियों को छोड़कर मौक़े से फरार होना स्वीकार किया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी लखनपुर निरीक्षक अश्वनी सिंह, सहायक उपनिरीक्षक संदीप कुमार सिंह, आरक्षक राकेश यादव, आरक्षक दशरथ राजवाड़े, आरक्षक श्याम सुन्दर शामिल रहे।