विशेष लेख : ’धरती माँ का श्रृंगार और हरियाली का जतन : एक पेड़ माँ के नाम’

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 13 जुलाई 2024/ भारतीय संस्कृति में माँ सदैव पूजनीय रही हैं। माँ की महिमा को अलग-अलग धर्मों में विभिन्न तरीकों से वर्णित किया गया है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों देशवासियों से आह्वान किया है कि आइए माँ के नाम एक पेड़ लगाइए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुधारना और धरती माँ को हरियाली से सजाना है।

भारत भूमि पर पेड़-पौधों का महत्व हमारे धर्मग्रंथों में व्यापक रूप से वर्णित है। जिस तरह अलग-अलग अंचलों में विभिन्न बोली-भाषाओं का चलन है, उसी प्रकार यहाँ विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे भी पाए जाते हैं। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस पहल को साकार करने के लिए हर व्यक्ति माँ के नाम पर एक पौधा अवश्य लगाए।

धरती माँ का श्रृंगार हरियाली में निहित है। हमारी धरती को माँ के रूप में माना गया है और माटी को भी माँ का दर्जा दिया गया है। छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने अनुपम सौगात दी है, जहाँ लगभग 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। सरगुजा संभाग हरियाली का मुकुट धारण किए हुए है और बस्तर अंचल हरियाली के श्रृंगार से सजा हुआ है। यहाँ के मोहला और गरियाबंद के जंगल भी मन को मोह लेते हैं।

इस समय प्रदेश में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के लिए वन विभाग सहित शासकीय, अशासकीय संस्थाओं और समितियों द्वारा पौधारोपण जोर-शोर से किया जा रहा है।

धरती को उर्वरा, मौसम को खुशनुमा, स्वच्छ पर्यावरण, प्रदूषण रहित हवा, जलस्रोत को बढ़ावा और जल-जमीन-जंगल और जीवों के जतन की जिम्मेदारी हम सबकी सहभागिता से पूरी होगी। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और धरती को फिर से बेहतर बनाने के लिए हमें ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान में हिस्सेदारी करते हुए पौधे लगाना होगा।

परिवार के हर सदस्य को एक पौधा रोपण करने की आवश्यकता है इनकी देखभाल छोटे बच्चों की तरह देखभाल करनी होगी। जब यह पौधा पेड़ बनेगा, तो यह प्राणवायु के साथ फल देगा, माँ के आँचल की तरह इसके पत्ते लह-लहाएँगे, पेड़ों में चिड़ियों का वास होगा और उनकी चह-चहाहट सुनने को मिलेगी। इससे वर्तमान और नई पीढ़ी पेड़-पौधों की महत्ता को समझ सकेगी।

आओ, हम सब मिलकर इस पहल में भाग लें और धरती माँ को हरियाली का श्रृंगार पहनाएँ। एक पेड़ माँ के नाम लगाकर हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएँ। इससे न केवल धरती हरी-भरी होगी, बल्कि हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।

एल.डी. मानिकपुरी (सहायक जनसंपर्क अधिकारी)

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!