महावृक्षारोपण अभियान : जशपुर जिले में वैध को औषधि पौधे किया गया वितरित, वैधराजों, शिक्षक एवं बच्चों ने मां के नाम एक पेड़ लगाकर ली सुरक्षा की जिम्मेदारी

महावृक्षारोपण अभियान : जशपुर जिले में वैध को औषधि पौधे किया गया वितरित, वैधराजों, शिक्षक एवं बच्चों ने मां के नाम एक पेड़ लगाकर ली सुरक्षा की जिम्मेदारी

July 18, 2024 Off By Samdarshi News

जशपुर जिले के स्कूलों में एक हजार फलदार तथा छायादार प्रजाति के पौधों भी किया गया वितरण

समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 18 जुलाई 2024/ माननीय प्रधानमंत्री एवं  मुख्यमंत्री छ.ग. शासन के अवहान पर एक पेड़ मां के नाम महावृक्षारोपण अभियान अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों से वनमण्डल जशपुर में उपस्थित हुए वैधराजों को भिन्न-भिन्न प्रजातियों के वन औषधिय पौधें हर्रा, बेहरा, अर्जुन, सतावर, बेल, एलोवेरा, नीम, काली मूसली, सफेद मूसली,, सर्पगंधा, करंज, नागकेशरी, गिलोय, अश्वगंधा, गटारन तथा अन्य फरदार एवं औषधीय पौधों का वितरण किया गया। जिनका उपयोग वैधराजों द्वारा विभिन्न प्रकार के बिमारियों के ईलाज में औषधी निर्माण में किया जाता है। 

कार्यक्रम का आयोजन पिरामल फाउंडेशन द्वारा किया गया। वन मण्डल कार्यालय परिसर में जिला वन मण्डल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय के द्वारा जशपुर के वैद्यो को औषधि बगिया संवर्धन हेतु औषधीय पौधे हर्रा,बहेरा, करंज,सर्पगन्धा ,नागकेशरी,गिलोय,सतावर,प्रदान किया एवं पौधों के रख रखाव, सिंचाई,सुरक्षा हेतु प्रेरित किया गया। वन एवं पर्यावरण की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। वृक्ष हमे प्राण वायु, फल, फूल, औषधि, ईंधन प्रदान करते है। वह घट रहे है। हमे वनों की सुरक्षा करनी चाहिए। जशपुर अंचल के विभिन्न ग्रामो से प्रमाणित आदिवासी उपचारकर्ता उपस्थित रहे।

पिरामल फाउंडेशन से जिला कार्यक्रम समन्वयक संतोष सोन ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम इन पौधे की जतन कर उन्हें वृक्ष होने तक सेवा कर आने वाली पीढ़ी के लिए उपहार स्वरूप सौंपें। हमारी स्मृति के रूप में इन वृक्षो को देख कर  याद करंगे। उपचारकर्ता को जड़ी बूटी व औषधि घर आंगन में प्राप्त होने से हमें जंगल जाने से जो वक्त लगता है वह बच जाएगा एवं दुर्घटनाओं से भी बच सकेंगे। साथ ही जिले के स्कूलों में 1000 फलदार तथा छायादार प्रजाति के पौधों का रोपण एवं वितरण स्कूल के शिक्षक, बच्चें एवं वन अमला की उपस्थित में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वैधराजों, शिक्षक एवं बच्चों ने अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगाया एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी ली।