जशपुर में सिंचाई क्रांति: किसानों के लिए खुशखबरी, मुख्यमंत्री की पहल पर जिले में सिंचाई का होगा कायाकल्प, सिंचाई परियोजनाओं को मिली मंजूरी, किसानों की आय में होगी वृद्धि

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समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 11 अगस्त 2024/ किसान परिवार से आने वाले मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जिले में खेती-किसानी के लिए सबसे जरूरी चीज सिंचाई की व्यवस्था पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। किसान सिर्फ वर्षा जल पर निर्भर ना रहे इसके लिए इसके लिए सिंचाई के लिए अधोसंरचना निर्माण के लिए विभिन्न विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य शासन के द्वारा 11 विभिन्न स्टाप डेम, एनीकट, जलाशय, नहर और तालाब का जीर्णाद्धार, मरम्मत एवं लाईनिंग कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे पहले भी सिंचाई व्यवस्था के लिए एनीकट योजना के निर्माण, व्यपवर्तन योजना के निर्माण, जीर्णाद्धार एवं लाईनिंग कार्य, जलाशय योजना के नहर मरम्मत एवं सी.सी.लाईनिंग कार्य, मुख्य एवं शाखा नहर के मरम्मत, पुराने पक्के कार्या का सुधार, तालाब योजना के तहत् निर्माण, जलाशय योजना, जलाशय मध्यम परियोजना के सर्वेक्षण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। इनके निर्माण हो जाने से किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही मत्स्य पालकों की आमदनी में भी वृद्धि होगी। भूमिगत जल स्तर में भी सुधार होगा।

जल संसाधन निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य शासन द्वारा जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड में प्रेमबंध (नगर बंध) स्टापडेम निर्माण कार्य के लिए 02 करोड़ 97 लाख 15 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इसके निर्माण हो जाने से निस्तारी, भू-जल सवर्धन एवं कृषकों द्वारा स्वयं के साधन से 150 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। पत्थलगांव के सत्तीघाट स्टापडेम योजना का जीर्णाद्धार एवं नहर सुधार कार्य के लिए 01 करोड़ 66 लाख 54 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके निर्माण हो जाने से रूपांकित सिंचाई 65 हेक्टेयर में 54.40 हेक्टेयर की हो रही कमी पूर्ति तथा 1.00 हेक्टेयर अतिरिक्त् क्षेत्र में सिंचाई सहित कुल 66 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

इसी प्रकार पत्थलगांव की कुकुरभुक्का एनकीकट निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 98 लाख 11 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके बन जाने से निस्तारी, भू-जल सवर्धन, पेयजल एवं कृषकों द्वारा स्वयं के साधन से 130 हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा मिलेगी। मनोरा की सोगड़ा जलाशय में पानी लाने हेतु लावा नदी में बांध निर्माण कार्य के लिए 2 करोड़ 97 लाख 37 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके निर्माण हो जाने से रूपांकित सिंचाई 121 हेक्टेयर में 76 हेक्टेयर की हो रही कमी की पूर्ति तथा 60 हेक्टेयर खरीफ एवं 70 हेक्टेयर रबी कुल 130 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सहित कुल 191 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। कुनकुरी की व्यपवतर्न योजना के नहर मरम्मत कार्य एवं सी.सी.लाईनिंग कार्य हेतु 2 करोड़ 97 लाख 44 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके बन जाने से रूपांकित सिंचाई 152 हेक्टेयर में हो रही 112 हेक्टेयर कमी की पूर्ति सहित पूर्ण रूपांकित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। कुनकुरी की लोरवरडोंड़ की व्यपवर्तन के नहर मरम्मत एवं लाईनिंग कार्य हेतु 9 करोड़ 97 लाख 06 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके निर्माण हो जाने से रूपांकित सिंचाई क्षमता 1620 हेक्टेयर में 689 हेक्टेयर की हो रही कमी की पूर्ति तथा 55 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सहित कुल 1675 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

बगीचा की सेमरा जलाशय योजना के निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 98 लाख 63 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके बन जाने से 144 हेक्टेयर खरीफ क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बगीचा के मंरगी तालाब योजना के निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 93 लाख 59 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके निर्माण हो जाने से 140 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।  बगीचा की बेड़ेकोना बांध निर्माण कार्य हेतु 02 करोड़ 94 लाख 62 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके बन जाने से 65 हेक्टेयर खरीफ एवं 25 हेक्टेयर रबी कुल 90 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।  बगीचा की शोभा तालाब निर्माण कार्य हेतु 2 करोड़ 99 लाख 01 हजार के प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके बन जाने से 134 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही बगीचा की घुघरी व्यपवतर्न योजना के जीर्णाद्धार एवं लाईनिंग कार्य हेतु 02 करोड़ 97 लाख 97 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है। इसके बन जाने से रूपांकित सिंचाई 486 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही 136 हे. कमी की पूर्ति तथा 35.43 हेक्टेयर  अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सहित कुल 521.43 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

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