महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दंतेवाड़ा में फूलों की खेती एक नया आयाम

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए दंतेवाड़ा में फूलों की खेती एक नया आयाम

August 12, 2024 Off By Samdarshi News

रायपुर, 12 अगस्त 2024/ फूलों का उपयोग अपने घर, मंदिरों, शादी एवं सजावट सहित अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। फूल श्रद्धा और भावना का प्रतीक है। अपने  घरों के बगीचे, गार्डन, गमलों में भी अलग-अलग फूल लगाएं जाते हैं। सुबह-सुबह सुंदर और सुगंधित फूल देखकर मन आनंदित हो जाता है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्र की महिलाओं को फूलों के खेती के प्रति प्रेरित करना और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उद्यान विभाग द्वारा निःशुल्क पौधे भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। दंतेवाड़ा जिले की स्व-सहायता समूह की 45 दीदियां मिलकर लगभग 4 एकड़ खेत में फूलों की खेती कर आगे बढ़ रही हैं।

जिला प्रशासन और बिहान योजना अंतर्गत जिले के महिला स्व सहायता समूह की दीदियों को फूलों की खेती करने के लिए उद्यान विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण जिला दंतेवाड़ा के गाँव तुड़पारास, भोगाम, भैरमबंद में दीदियों को दिया गया। फूल उत्पादन के पश्चात महिला समूहों द्वारा फूलों से माला एवं गुलदस्ते बना कर माँ दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा के प्रांगण में विक्रय किया जाएगा, ताकि वे अच्छी खेती करके मुनाफा कमा कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें। दंतेवाड़ा के उद्यानिकी विभाग और सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के डायरेक्टर अजीत शासनी के मार्गदर्शन में महिला समूह की दीदियों को  विभिन्न प्रकार के फूलों के 60 हजार पौधे वितरण किये गये हैं।