डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं बाल कल्याण अधिकारियों की ली बैठक : सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करने का दिया निर्देश.

डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर ने विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं बाल कल्याण अधिकारियों की ली बैठक : सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करने का दिया निर्देश.

August 31, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ सूरजपुर, 31 अगस्त / जिला पुलिस कार्यालय के सभागार में शनिवार 30 अगस्त 2024 को डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) की अध्यक्षता में जिले में कार्यरत् विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं थाना स्तर पर कार्यरत् बाल कल्याण अधिकारी की कार्यशाला का आयोजन किया गया। बैठक में बाल संरक्षण, पाक्सो एक्ट, जे.जे. एक्ट इत्यादि विषयों के सम्बन्ध में वार्ता कर जानकारी दी गई। बैठक के दौरान पाक्सो एक्ट व महिला सम्बन्धी अपराधों में की जाने वाली कार्यवाहियों के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया और पुलिस अधिकारियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं से चर्चा कर सुझाव आमंत्रित किये गये।

इस दौरान डीआईजी व एसएसपी श्री एम.आर.आहिरे ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करने का निर्देश दिया। विशेष किशोर पुलिस ईकाई व बाल कल्याण अधिकारी के कर्तव्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पास्को एवं किशोर न्याय अधिनियम बालकों के अधिकारों एवं उनकी रक्षा के लिए बनाया गया है। महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की विवेचना तत्परतापूर्वक, संवेदनशीलता से करते हुए आरोपी को सजा दिलाए, ताकि ऐसे अपराधों में कमी आए, बच्चों का लैंगिक शोषण बहुत गंभीर अपराध है, इसकी रोकथाम में मददगार बने। लोगों को जागरूक करें कि महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध की जानकारी पर निकटतम पुलिस थाने में सूचना दे इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए। अपहृत/गुम इंसान बालक-बालिका की दस्तयाबी विशेष प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए। बैठक में क्राईम रेट को कम करने को लेकर पुलिस अधिकारियों को जरूरी निर्देश देते हुए कर्तव्य निष्ठा से कार्य करने के निर्देश दिए। डीआईजी/एसएसपी ने बालश्रम व महिला-बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराध से बचाव, नशा-मुक्ति सहित विविध जानकारी चलित थाना के दौरान देने के निर्देश दिए।

एएसपी संतोष महतो ने महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध पर संवेदनशील होकर नियमानुसार समुचित कार्यवाही करने कहा। उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले अपराध को छुपाना या सूचना ना देने पर भी दण्ड का प्रावधान है। पोस्को एक्ट एवं किशोर न्याय अधिनियम से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोई बच्चा शिकायत करने आए या किसी मामले में बच्चा आरोपी हो तो बाल कल्याण अधिकारी सादा कपड़ों में उस बच्चे से बात करें, ताकि बच्चों को थाने के माहौल से अलग सामान्य वातावरण मिल सके। ज्ञात हो कि प्रत्येक थानों में 6 बाल कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता ओंकार पाण्डेय व अधिवक्ता राकेश गुप्ता ने कहा कि बालकों द्वारा किए किसी कृत्य के मामले पर कार्यवाही के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता की मौजूदगी रहे, विधिविरूद्ध संघर्षरत् बालक अथवा देखरेख की जरूरतमंद बालकों के प्रकरणों की जांच में सामाजिक कार्यकर्ता यथा संभव सहायता करेंगे साथ ही बच्चों के साथ होने वाली क्रूरता, उत्पीड़न व शोषण के विरूद्ध हर कदम पर पुलिस का साथ देंगे।