सीमेंट की एकाएक बढ़ी कीमतों पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल नाराज : मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को लिखा पत्र, 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि तत्काल वापस लेने की मांग

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 7 सितंबर/ रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीमेंट की बढ़ी कीमतों पर तीखी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सीमेंट की बढ़ी कीमतों को कम करवाने के लिए मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। एकाएक प्रति बोरी 50 रुपए की वृद्धि को वापस लेने की मांग की है।

अपने पत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ खनिज, लौह, कोयला, उर्जा संपदा से भरपूर प्रदेश है, इसके बावजूद भी सीमेंट कम्पनियों के संगठनों द्वारा एक कार्टेल बनाकर सीमेंट की कीमतों में 03 सितम्बर 2024 से बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। सीमेंट कम्पनियो का रवैया छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता को लुटने व एकछत्र राज करने जैसा हो गया है। सरकार को सीमेंट फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सीमेंट की बढ़ाई गई कीमत को वापस कराकर आम जनता को राहत दिलाने की जरूरत है।

श्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि, सीमेंट कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में ही खदाने, कोयला, उर्जा, सस्ती बिजली, सस्ती एवं सुलभ श्रमिक उपलब्ध हो रही है। छत्तीसगढ़ के सारे संसाधनों का इनके द्वारा दोहन किया जा रहा है। सीमेंट कम्पनियों को उत्पाद्न के लिए कच्चा माल से लेकर उर्जा तक सभी वस्तुऐं छत्तीसगढ़ में कम दरों पर उपलब्ध है। उसके बावजूद सीमेंट के कीमतों में वृद्धि सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ की जनता के उपर भार है।

छत्तीसगढ़ में सीमेंट का प्रत्येक महीने लगभग 30 लाख टन (6 करोड़ बैग) उत्पादन किया जाता है। जिसकी कीमतों में एकाएक 50 रूपये तक की प्रति बोरी के हिसाब से वृद्धि की गई है। प्रदेश में सभी सीमेंट कम्पनियाॅ, 03 सितम्बर 2024 के पहले लगभग 260 रू. प्रति बोरी सीमेंट बेच रही थीं। जिसे अचानक एक दिन में लगभग 310 रूपये कर दिया गया है। वहीं सरकारी एवं जनहित के प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाला सीमेंट 210 रूपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 260 रूपये प्रति बोरी कर दिया गया है। सीमेंट की कीमतों में एक ही दिन में लगभग 50 रूपये प्रति बोरी की वृद्धि जनता के उपर आर्थिक बोझ है।

सीमेंट की कीमतों में में यह वृद्धि से छत्तीसगढ़ में चल रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, सड़क, भवन, पुल-पुलिया, नहर, स्कूल, काॅलेज, आंगनबाड़ी भवनों सहित गरीबों के लिए निर्मित पी.एम. आवास योजना पर भी असर पड़ेगा। तथा सभी शासकीय प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जायेगी।  जो राज्य हित और देश हित दोनों के लिए उचित नहीं है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!