भाजपा सरकार में बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि डराओ नीति चल रही है, बेटियां स्कूल और हॉस्टल की समस्याओं पर आवाज उठाती है तो उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती है- धनंजय सिंह ठाकुर

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समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 10 सितंबर/ प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तहसीलदार माया अंचल के द्वारा बेटियों को जेल भेजने की धमकी देने की कड़ी निंदा की उन्होंने सरकार से कड़ी कार्यवाही की मांग की उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि बेटियों को डराओ नीति पर काम कर रही।बेटियां पढ़ना चाहती है लेकिन स्कूल में शिक्षक नहीं है हॉस्टल में सुविधा नहीं है और जब बेटियां स्कूल के लिए शिक्षक और हॉस्टल के लिए सुविधाओं की मांग करती है तब भाजपा सरकार में उन बेटियों को वीडियो जारी करने की धमकी देकर डराया जाता है उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती हैं। छात्रो के पक्ष में खड़े होने वाले कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता, कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह सरकार दुर्भावनापूर्वक एफआईआर करती है।

राजनांदगांव के डीईओ ने शिक्षक की मांग करने पर बेटियों को जेल भेजने की धमकी दिया था। इस मामले में माननीय न्यायालय ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बिलासपुर जिला के तहसीलदार माया अंचल ने पचमढ़ी हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी। राजधानी रायपुर के प्राथमिक शाला पंडरी में मासूम बच्चीयों के साथ यौन शोषण के मामले में प्रशासन लीपापोती करती रही, मामला दबाने का कुत्सित प्रयास किया गया, पीड़ित छात्राओं का विडियों वायरल होने पर विलंब से कार्यवाही हुई। भिलाई डीपीएस का मामला सर्वविदित है। गरियाबंद जिले के स्कूल में शिक्षक नहीं होने से छात्र एवं पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था लचर हो गई है स्कूल में न शिक्षक है न हॉस्टल में सुविधा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 9 महीने में ही भाजपा की सरकार अलोकप्रिय हो चुकी है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उठ रहे आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है लोकतंत्र की हत्या कर रही है । सरकार में बैठे लोगों में आलोचना सुनने का साहस नहीं है। विपक्ष और पत्रकार जब सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की आवाज उठती है आम लोगो के लिए सुविधा और सुरक्षा की मांग करती है तब विपक्षी दल के नेताओ कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों  के खिलाफ षड्यंत्र रचकर फर्जी एफआईआर दर्ज की जाती है। पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हे फंसाया जाता है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। 9 महीने में प्रशासनिक आतंक दिखने लग गया है।

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