एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी करने के निर्णय पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद.

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समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 15 सितंबर / भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के चिकित्सा पाठ्यक्रम एमबीबीएस की पढ़ाई अब हिन्दी में भी कराने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अपनी प्रतिभा के अनुरूप चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। श्री देव ने कहा कि हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार का यह निर्णय क्रांतिकारी और मील का पत्थर साबित होगा।

विदित रहे, शनिवार को हिन्दी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने पत्रकार वार्ता में प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने का ऐलान किया है और यह निर्देश मौजूदा सत्र से ही लागू करने की बात सीएम ने कही है। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में डॉक्टरी की पढ़ाई अब हिंदी में भी होगी। जब तक पठन-पाठन और काम-काज में हिंदी को बढ़ावा नहीं मिलेगा तब तक हम हिंदी दिवस के उद्देश्य को हासिल नहीं कर सकते हैं। इससे पहले मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड की सरकार ने राज्य में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराने का फैसला लिया था। उसके बाद अब छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह फैसला लिया है। इसी दौरान श्री साय ने इस बात का भी ऐलान किया है कि राज्य में पूरी तरह से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर दिया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में यह कार्य हो रहा है। हम अपनी शिक्षा नीति को हर स्तर पर पुरानी मैकाले की साम्राज्यवादी शिक्षा व्यवस्था से अलग कर रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने कहा कि हम हर वर्ष हिन्दी दिवस मनाते हैं, लेकिन शासन-प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिन्दी का प्रयोग बढ़ाए बगैर हिन्दी दिवस के उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सक रहा था। प्रदेश की भाजपा सरकार ने शासन-प्रशासन और शिक्षा के हर स्तर पर हिन्दी में अध्ययन-अध्यापन और काम-काज करने का निर्णय लेकर हिन्दी को उसका सम्मानपूर्ण स्थान दिलाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। श्री देव ने प्रदेश सरकार का इस बात के लिए भी आभार माना कि एमबीबीएस प्रथम सत्र में हिंदी में पढ़ाई की सुविधा इसी साल  से उपलब्ध होगी जिसके लिए छात्र-छात्राओं की संख्या के मुताबिक आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दे दिए गए हैं।

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