लोरमी में बैगा दंपत्ति की हत्या से आदिवासी समाज में भय, राज्य में रोज हो रही हत्याओं से आम आदमी दहशत में, कितनी मौतों के बाद भाजपा सरकार की नींद टूटेगी – दीपक बैज

लोरमी में बैगा दंपत्ति की हत्या से आदिवासी समाज में भय, राज्य में रोज हो रही हत्याओं से आम आदमी दहशत में, कितनी मौतों के बाद भाजपा सरकार की नींद टूटेगी – दीपक बैज

September 24, 2024 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 23 सितंबर/ लोरमी में बैगा जनजाति के पति-पत्नी की लाश पाये जाने पर गहरा दुख और आक्रोश प्रकट करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कितनी मौतों के बाद भाजपा सरकार नींद से जागेगी। प्रदेश में कोई भी आदमी कहीं भी सुरक्षित नहीं है। राजधानी के मरीन ड्राइव में एक व्यक्ति की फिर चाकू से गोदकर हत्या कर दिया गया। यह व्यक्ति अंबिकापुर से रायपुर आया था। इसके पहले यहीं पर एक युवती की गला काटकर हत्या कर दी गयी थी। सीतापुर में आदिवासी राजमिस्त्री को मारकर पानी की टंकी के नीचे दफना दिया गया। आज तक अपराधी फरार है। मृतक की पत्नी राष्ट्रपति को पत्र लिख कर आत्मदाह करने को मजबूर हो गयी है। गृहमंत्री का जिला कवर्धा अपराध और हत्या की राजधानी बन गया है। कवर्धा में तीन हत्याओं के बाद पूरे जिले में लोग दहशत में है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है। आदमी रोज गाजर, मूली की तरह काटे जा रहे। भाजपा और सरकार में बैठे हुये लोगों को कानून व्यवस्था ठीक लग रही है। बलात्कार, लूट, चाकूबाजी, चेन स्नेचिंग, गुंडागर्दी की खबरों से अखबार भरा पत्र है। गैंगवार हो रहे हैं, दिन दहाड़े गोलिया चल रही है। भाजपाई दृष्टिदोष का शिकार हो गये है। उन्हें आम आदमी की परेशानी दिखाई नहीं पड़ रही है। सत्ता के मद में भाजपाई जनसरोकारों को भूल बैठे है। राजधानी में ऐसा कोई दिन नहीं है जब हत्या लूट चाकूबाजी की घटना नहीं होती है। रायपुर तो चाकूपुर बन गया है। झांकी वाले दिन राजधानी में एक युवक को बदमाशों ने मरणासन्न होते तक पीटा, वहीं एक अन्य युवक की हत्या कर दी गयी। प्रदेश का ऐसा कोई शहर नहीं है जहां रोज खूनी वारदात नहीं होती हो।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रोज-रोज की अपराधिक घटनाओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है। सरकार आम आदमी को सुरक्षित माहौल देने में नाकामयाब साबित हो रही है। अपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हो गये। लोगों को जिंदा जलाया जा रहा, महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटनायें बढ़ गयी, एसपी, कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे, राज्य में 9 महीने में ही दो कलेक्टर, दो एसपी को सजा के बतौर हटाया गया तथा निलंबित करना पड़ा उसके बाद भी सरकार अपनी आत्ममुग्धता में लगी हुई है।