मोदी सरकार ने बेचा छत्तीसगढ़ का एक और सार्वजनिक उपक्रम, फेरो स्क्रैप निगम लि. की भिलाई यूनिट को मोदी सरकार ने बेच दिया, छत्तीसगढ़ के संसाधनों और सरकारी उपक्रमों पर भाजपा सरकार की बुरी नजर – सुरेंद्र वर्मा

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समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 23 सितंबर/ फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के भिलाई यूनिट को बेचे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज़ करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की बुरी नीयत छत्तीसगढ़ के संसाधन और सार्वजनिक उपक्रमों पर है। भाजपा के तमाम नेता और केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ आकर कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के सरकारी संसाधन, सार्वजनिक उपक्रम बेचे नहीं जाएंगे लेकिन सच्चाई इससे विपरीत है। पिछले हफ्ते ही निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग “दीपम“ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर यह जानकारी सार्वजनिक किया है की भिलाई स्थित फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) का विनिवेश अर्थात विक्रय मात्र 320 करोड रुपए में कर दिया है। उल्लेखनीय है की भिलाई स्थित फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड कभी भी नुकसान में नहीं रहा, सरकार को हमेशा ही मुनाफा कमा कर देती रहे है। इसी वित्त वर्ष के पहले तिमाही में ही 22 करोड रुपए से अधिक कर पश्चात लाभ कमाया है, विगत वर्ष 65 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था, फिर क्या कारण है कि इस मुनाफे की सरकारी कंपनी को औने-पौने दाम पर विदेशी कंपनी को बेचा गया है?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है हाल ही में केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ आए थे और यहां आकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की कोई योजना नहीं है, लेकिन उनके दौरे की हकीकत अब सामने आ गई है। भिलाई स्थित फेरोस्केप निगम लिमिटेड को औने-पौने दाम पर बेच दिया गया और इसी “दीपम“ की साइट पर एनएमडीसी के नगरनार प्लांट को बेचने की प्रक्रिया तेजी से संपन्न की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के फोकस में केवल चंद पूंजीपति मित्रों का हित है। भाजपा की सरकार में छत्तीसगढ़ के हितों की लगातार उपेक्षा हो रही है, लेकिन दलीय चाटुकारता में भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और सांसद मौन है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों की बुरी नजर छत्तीसगढ़ के संसाधनो पर है। पहले जब केंद्र में अटल की सरकार थी इसी तरह औने पौने दाम पर भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटिड (बाल्को) को बेचा, रमन सिंह की सरकार के दौरान लौह अयस्क के खदान और आदिवासियों के धार्मिक महत्व के नंदराज पहाड,़ ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाकर अडानी को दिए, हरदेव के जंगलों की अंधाधुंध कटाई वर्तमान में चल रही है, कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल की खदानों में खनन का काम दबाव पूर्वक मोदी के मित्र अडानी को दिए, वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करके आदिवासियों से जल जंगल जमीन छीने, नो गो एरिया संकुचित किया, वन भूमि में कमर्शियल माइनिंग शुरु किए, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड बेच दिए और अब एनएमडीसी नगर न प्लांट दीपम की साइट पर विनिवेशीकरण के लिए सेल लगाकर रखे हैं।

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