गांधी जयंती के अवसर जिला चिकित्सालय में मनाया गया कुष्ठ जागरूकता दिवस : कुष्ठ रोग के लक्षण और उपचार के बारे में दी गई जानकारी.
October 3, 2024कुष्ठ जागरूकता दिवस के अंतर्गत जीएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं के लिए भाषण प्रतियोगिता का भी किया गया आयोजन.
समदर्शी न्यूज़ जशपुर, 03 अक्टूबर / गांधी जयंती के अवसर पर विगत दिवस 02 अक्टूबर को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘कुष्ठ जागरूकता दिवस’ मनाया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जीएनएम प्रशिाक्षणार्थी छात्राओं को कुष्ठ रोग के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में कुष्ठ रोग के नोडल अधिकारी डॉ. आर.एस. पैंकरा ने कुष्ठ रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चमड़ी पर तेलिया-तामिया चमक, चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमें सुन्नपन, तंत्रिकाओं में मोटापन-सूजन हो, दबाने से दर्द होता हो, हाथ पैरों में झुनझुनी व सुन्नपन, चमड़ी पर, खासकर चेहरे पर भौंहों के उपर, ठुड़ी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन, हाथ पैर में बार-बार फफोले आते हों और पैरों में घाव हो और भर नहीं रहा हो तो कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। कुष्ठ जागरूकता दिवस के दौरान जीएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं के लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था, जिसमें छात्राओं ने सक्रिय भाग लिया। भाषण में प्रथम स्थान पर कु.रानी यादव, दूसरे स्थान पर कु. मिनी भारती, तीसरे स्थान पर कु. सुमन कुमारी को पुरूष्कार तथा कु. रेखा, कु.ममता सिंह एवं मायावती को सांत्वाना पुरूष्कार दिया गया।
संक्रमित व्यक्ति में 01 या 01 से अधिक लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। अपने घर या आस-पड़ोस में इन लक्षणों वाले कोई भी व्यक्ति हों तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता को इसकी जानकारी अवश्य दें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जीएस. जात्रा द्वारा बताया गया कि कुष्ठ एक बहुत पुरानी एवं धीरे से फैलने वाली बीमारी है। जिस व्यक्ति के शरीर में दाग-धब्बे, शरीर के रंग से हटकर तेलिया-तमिया चमक है, जिसमें संवेदना नहीं है, अथवा सुन्नपन है, कुष्ठ संदेह किया जा सकता है। उसे तुरंत स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क करना चाहिए। देर से संपर्क करने व विलम्ब से उपचार लेने से विकृति की संभावना बढ़ जाती है।
यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक नहीं फैलता। यह किसी पाप का फल नहीं है। यह अविश्वसनीयता फैलायी गयी है। यदि मरीज पूर्ण उपचार लेता है तो पूर्ण रूप से उपचारित (कुष्ठ मुक्त) हो जाता है। इस बीमारी के साथ जुड़ी भय एवं भ्रांति को दूर करने एवं संभावित व्यक्ति शीघ्र उपचार एवं निदान स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त करें, पीड़ित होने पर सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में प्राप्त होने वाली मुफ्त बहु औषधि उपचार प्राप्त करें।