अंधे कत्ल की गुत्थी का थाना जयनगर पुलिस ने किया 24 घंटे के भीतर खुलासा : जुआ खेलने के लिए पैसों के लालच में आरोपी ने की अपने रिश्ते के जीजा की हत्या…हुआ गिरफ्तार.
November 3, 2024अपराध क्रमांक 227/24 धारा 103(1), 238 बीएनएस के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर की गई कार्यवाही.
सूरजपुर, 3 नवंबर / दिनांक 01 नवंबर 2024 को ग्राम रविन्द्रनगर निवासी प्रार्थी सजीत सोम ने थाना जयनगर में सूचना दी थी कि इसके बुआ का लड़का गौतम दास पिता गोविन्द दास उम्र 40 वर्ष का दिमागी हालत ठीक नहीं है तथा अपने घर में अकेला रहता था। दिनांक 31 अक्टूबर 2024 के दरम्यिानी रात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या कर दिया गया है, सूचना पर मर्ग कायम किया गया।
मामले की सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने थाना प्रभारी, एफएसएल व डॉग स्क्वायड की टीम को मौके पर जाकर बारीकी से साक्ष्य संकलन करने, सभी पहलुओं पर जांच करने और अज्ञात आरोपी की पतासाजी कर जल्द पकड़ने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर नंदिनी ठाकुर के मार्गदर्शन में थाना जयनगर की पुलिस मौके पर पहुंची और शव पंचनामा के बाद शव को पीएम के लिए भेजा। डॉक्टर के द्वारा शार्ट पीएम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु हत्यात्मक प्रकृति का लेख किए जाने पर अपराध क्रमांक 227/24 धारा 103(1), 238 बीएनएस के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया।
मामले की विवेचना के अंतर्गत थाना जयनगर पुलिस ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर संदेही मुकेश राजवंशी पिता निखिल राजवंशी उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम रविन्द्रनगर, हालमुकाम ग्राम संजयनगर को दबिश देकर पकड़ा। पूछताछ पर घटना दिनांक 31 अक्टूबर 2024 दीपावली के दरम्यानी रात जुआ खेलने से पैसा हार जाने के बाद और जुआ खेलने हेतु पैसा मांगना एवं गौतम दास के द्वारा पैसा देने से मना करने, झगड़ा-विवाद करने पर लोहे के टांगी एवं वाइपर के वाईपर से हत्त्या के उद्देश्य से प्रहार कर कर बिस्तर के नीचे पोटली में रखे 1500/- रूपये लेकर भाग जाना बताया है। आरोपी के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त आलाजरब जप्त कर आरोपी मुकेश राजवंशी को गिरफ्तार किया गया है।
इस प्रकरण की कार्यवाही में थाना प्रभारी जयनगर नरेन्द्र सिंह, एसआई सोहन सिंह, एएसआई प्रवीण राठौर, एएसआई रघुवंश सिंह, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र एक्का, प्रधान आरक्षक संतोषी वर्मा, आरक्षक विकास मिश्रा, आरक्षक दिलपाल कसेरा, आरक्षक श्याम सिंह, आरक्षक नीरज सिंह, आरक्षक जयदेव भारती, आरक्षक नीरज झा, आरक्षक रवि राजवाड़े व महिला आरक्षक चन्द्रा सिंह सक्रिय रहे।