ग्रामीण सुरक्षा के लिए रायगढ़ पुलिस सक्रीय : कोतरारोड़ और धरमजयगढ़ में कोटवारों को मिली सुरक्षा संबंधी ट्रेनिंग… धान कटाई के मौसम में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए किया गया सतर्क.

ग्रामीण सुरक्षा के लिए रायगढ़ पुलिस सक्रीय : कोतरारोड़ और धरमजयगढ़ में कोटवारों को मिली सुरक्षा संबंधी ट्रेनिंग… धान कटाई के मौसम में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए किया गया सतर्क.

November 9, 2024 Off By Samdarshi News

रायगढ़, 09 नवंबर / पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशानुसार कोतरारोड़ थाना प्रभारी निरीक्षक त्रिनाथ त्रिपाठी और धरमजयगढ़ थाना प्रभारी निरीक्षक कमला पुसाम ठाकुर ने क्षेत्र के ग्राम कोटवारों के साथ थाने में बैठक की। बैठक का उद्देश्य ग्राम सुरक्षा को मजबूत करना, संभावित अपराधों से बचाव के उपायों पर चर्चा करना और गांव में शांति और सौहार्द बनाए रखना था।

थाना प्रभारियों ने बताया कि वर्तमान समय में अधिकतर ग्रामीण धान कटाई के लिए खेतों में व्यस्त हैं, जिससे कई घर सुने पड़े रहते हैं। ऐसे में गद्दे, चादर, चटाई बेचने वाले, कुकर बनाने वाले या अन्य फेरी वाले अजनबियों पर खास नजर रखने की आवश्यकता है। कोटवारों को निर्देशित किया गया कि गांव में घूमने वाले किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को नज़र में रखें और अगर संदेह हो तो उसे गांव में प्रवेश न करने दें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।

ग्राम में आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए थाना प्रभारियों ने सुझाव दिया कि छोटे-मोटे विवादों को स्थानीय स्तर पर पंच, सरपंच और गणमान्य व्यक्तियों की मदद से सुलझाया जाए। साथ ही उन्होंने किसी भी बड़े विवाद, झगड़े या दुर्घटना की सूचना तुरंत पुलिस को देने के निर्देश दिए ताकि समय पर उचित कार्यवाही की जा सके।

बैठक में साइबर अपराधों के बढ़ते खतरों पर भी चर्चा की गई। कोटवारों को ऑनलाइन ठगी, फर्जी फोन कॉल्स और बैंकिंग धोखाधड़ी जैसी साइबर चुनौतियों के बारे में बताया गया, साथ ही उन्हें प्रेरित किया गया कि वे गांव के लोगों को इन खतरों से सतर्क करें और साइबर जागरूकता फैलाएं। कोटवारों को सलाह दी गई कि वे बैंक खाते, एटीएम कार्ड या आधार से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचने के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दें।

थाना प्रभारियों ने कोटवारों को गांव में अपरिचित वाहनों या संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी रखने और समय-समय पर पुलिस के साथ संपर्क बनाए रखने का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही, कोटवारों को नियमित रूप से थाने में आकर ग्राम की स्थिति की जानकारी देने और गांव में किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधि पर नजर रखने के लिए प्रेरित किया गया।