कसडोल शहर के एक किमी के दायरे में आ गया था बाघ, वन विभाग का अमला था सतर्क, ट्रैक्यूलाइज कर किया गया काबू, टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा

कसडोल शहर के एक किमी के दायरे में आ गया था बाघ, वन विभाग का अमला था सतर्क, ट्रैक्यूलाइज कर किया गया काबू, टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा

November 26, 2024 Off By Samdarshi News

अभियान इतनी कुशलता से किया गया कि बाघ को किसी तरह की चोट नहीं लगी

अब रेडियो कालर भी लगा दिया गया है ताकि इसके मूवमेंट पर रहे लगातार नजर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को दी बधाई

रायपुर 26 नवंबर 2024/ कसडोल शहर के बिल्कुल एक किमी के दायरे में पहुंच गये बाघ को वन विभाग ने सफलतापूर्वक काबू पा लिया। यह वाकया कसडोल शहर से लगे ग्राम कोट का है। बाघ एक पैरे के ढेर में छिप गया था। वन विभाग की टीम पहुंची और बेहद कुशलता से बाघ को ट्रैक्यूलाइज किया। टैक्यूलाइज करने के बाद बाघ कुछ देर तक होश में रहा और पास ही के पेट्रोल पंप के पीछे की तरफ आ गया लेकिन उसे तेजी से बेहोशी आई और फिर उसे नियंत्रित कर लिया गया। बाघ के बिल्कुल शहर के पास आने से लोगों के लिए कौतूहल का विषय था कि इसे कैसे नियंत्रित किया जाएगा। वन विभाग के अमले ने इसकी योजना बनाई और बेहद सफलतापूर्वक यह कार्य संपन्न किया गया। बताया जाता है कि यह बाघ ओडिशा के रास्ते से बारनवापारा पहुंचा होगा। आठ महीने से यह बारनवापारा में सक्रिय था। बाघ की सक्रियता केवल कोर एरिया में रहे इसके लिए वन विभाग ने पर्याप्त प्रयास किये थे। जब बाघ का मूवमेंट कोर एरिया से बाहर होने की खबर मिली तो अमले ने सतर्कता से अपनी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि अब बाघ को किसी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा ताकि इसे और भी सुरक्षित परिवेश मिले।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को रेडियो कालर लगा दिया गया है। इससे बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने में आसानी होगी। इसके रक्त का नमूना भी लिया गया है। बाघ पूरी तरह स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि बाघ के शहर के पास होने की सूचना प्राप्त होते ही वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ. पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ. रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम ने तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण श्री धीराजी के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर श्री व्ही. श्रीनिवास राव प्रधान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) श्री प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर श्री राजु अगसिमनी, मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर श्रीमति सतोविशा समाजदार, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल, श्री आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा भी मौजूद थे।

टाइगर रिजर्व बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में मिलेगा बेहतर परिवेश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व मिल गया है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। इस टाइगर रिजर्व के बनने से बाघों को नैचुरल हैबिटेट में बेहतर परिवेश मिल पाएगा और इनके बेहतर संवर्धन के अवसर मिलेंगे। छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही टूरिस्टों ने अचानकमार में टाइगर साइट किया था। टाइगर रिजर्व बनने से एक बार छत्तीसगढ़ पुनः बाघों से गुलजार हो जाएगा।