राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन की पत्रकार वार्ता में बीजेपी पर संविधान और बाबा साहेब का अपमान करने का आरोप
December 23, 2024रायपुर/23 दिसंबर 2024। राज्यसभा सांसद रंजीता रंजन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पाटी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। बीजेपी हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती इस बार तो हद ही पार कर दी। संविधान के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई समता, समानता और न्याय के डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई. सतापक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की. यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर संथ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी
अमित शाह ने कहा कि “अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।“
आरक्षण खत्म करने की साजिश के तहत बीजेपी की संविधान बदलने की कोशिश को 2024 के आम चुनाव में जनता ने नाकाम कर दिया था और वैसाखी सरकार बना कर लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया था. लेकिन बीजेपी ये खीज अब संविधान निर्माता पर निकाल रही है और बाबा साहेब का अपमान किया गया है. लेकिन दुख की बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को सीख देने के बजाय आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति तेज कर दी।
कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है. लेकिन मोदी सरकार डॉ. अंबेडकर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है. उल्टे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई ठप्प रखी यही नहीं अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के साथ धक्का मुक्की की गई. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया। बीजेपी ने षड़यंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई।
बीजेपी और उसकी मातृसंस्था हमेशा से डॉ. आंबेडकर और संविधान विरोधी रही है. इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया, बल्कि इससे पहले डा. आंबेडकर को चुनाव हरवाया था।
कांग्रेस डॉ. आंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अटल है. जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कार्यसमिति के सदस्य ताम्रध्वज साहू की पत्रकारवार्ता
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कार्यसमिति के सदस्य ताम्रध्वज साहू ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के प्रेरणास्रोत और अधिकारों के संरक्षक थे। बाबा साहब ने देश के वंचित वर्गो को संविधान के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा, वे नये भारत के भाग्य निर्माता थे, उनके बारे में टिप्पणी करना अमित शाह और भाजपा की फासीवादी सोच को प्रदर्शित करता है। भाजपा को यह कदापि भी बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अंबेडकर की सोच के कारण देश के वंचित वर्गों को उनका हक और अधिकार मिल रहा है। भाजपा सामाजिक न्याय की विरोधी है। अमित शाह की टिप्पणी उनकी खुद की ही नहीं पूरी भाजपा और आरएसएस की गरीब पिछड़ा एवं वंचित वर्ग विरोधी सोच को सामने लाती है। बाबा साहब के प्रति किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उनको माफी मांगनी चाहिए।
देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने सोची समझी साजिश के तहत विपक्ष के सांसदों को सदन में प्रवेश से रोका गया। विपक्षी सांसदों के साथ सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने धक्का मुक्की किया। कांग्रेस के 81 वर्षीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का मार कर जमीन पर गिरा दिया गया। नेता प्रतिपक्ष के साथ धक्का मुक्की किया गया। कांग्रेस की महिला सांसदों से अभद्रता किया गया। प्रियंका गांधी सहित महिला सांसदों से भाजपाई सांसदों ने धक्का मुक्की किया। भाजपाई सांसदों का आचरण अकल्पनीय तथा भारत के संसदीय इतिहास पर काला धब्बा है।