विष्णु के सुशासन पेज से विपक्षी नेताओं की छवि खराब करना भाजपा सरकार की स्तरहीन राजनीति – सुशील आनंद शुक्ला
January 11, 2025सीएमओ के ऑफिशियल हैंडल से राजनैतिक पोस्ट लगातार किया जा रहा है
भाजपा संगठन कांग्रेस का राजनैतिक मुकाबला नहीं कर पा रहा, सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही
रायपुर/11 जनवरी 2025। विष्णु का सुशासन पेज जो कि सरकारी प्रचार तंत्र द्वारा चलाया जाता है, इस पेज से विपक्ष के नेताओं की छवि खराब करने रामायण पात्र आधारित वीडियो पोस्ट किया जाना आपत्तिजनक है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार स्तरहीन राजनीति पर उतर आई है। भाजपा संगठन कांग्रेस का राजनैतिक मुकाबला नहीं कर पा रहा, सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही। मुख्यमंत्री के नाक के नीचे उनके ही मातहत अधिकारी यदि इस सरकार की स्तरहीन राजनीति कर रहे है मतलब इन सबमें मुख्यमंत्री की सहमति है। विपक्ष के नेताओं की छवि खराब करने के लिये सरकारी धन और तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का प्रचार तंत्र उनकी चाटुकारिता में हिन्दू धर्म का अपमान करने पर तुला हुआ है। मुख्यमंत्री आत्म अवलोकन कर प्रदेश की जनता को बतायें उन्होंने ऐसा क्या कर लिया है जो उनकी तुलना भगवान राम से किया गया है?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के ऑफिशियल ग् हैंडल सीएमओ छत्तीसगढ़ को भी से भाजपा के ऑफिशियल हैंडल की भांति उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय गलत परंपरा की शुरूआत कर रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय का ऑफिशियल सोशल मीडिया एकाउंट शासन की योजनाओं, मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने का माध्यम है, इस हैंडल का संचालन भी जनसंपर्क विभाग के द्वारा किया जाता है, जिसके संचालन में जनता के धन का उपयोग होता है। पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय कभी मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर, फेसबुक आदि का उपयोग राजनैतिक बयानबाजी के लिए नहीं किया जाता था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संगठन इतना पंगु हो चुका है कि भाजपा को राजनैतिक बयानबाजी के लिये सरकारी संसाधनों तथा सीएमओ का दुरूपयोग करना पड़ रही है। यह भाजपा के राजनैतिक दिवालियेपन को दर्शाता है कि पार्टी का अपना राजनैतिक प्रतिवाद का तंत्र समाप्त हो गया है। भाजपा का राजनैतिक संगठन पंगु हो चुका है, सरकारी बैसाखी का सहारा लेना पड़ रहा है।