गृहमंत्री के इशारे पर बर्खास्त महिला शिक्षकों के साथ पुलिस की बर्बरता : धरना दे रहे महिला शिक्षकों के पुलिस ने कपड़े फाड़े, उनके ऊपर कूदा, मारपीट की – धनंजय सिंह ठाकुर

गृहमंत्री के इशारे पर बर्खास्त महिला शिक्षकों के साथ पुलिस की बर्बरता : धरना दे रहे महिला शिक्षकों के पुलिस ने कपड़े फाड़े, उनके ऊपर कूदा, मारपीट की – धनंजय सिंह ठाकुर

January 20, 2025 Off By Samdarshi News

रायपुर/20 जनवरी 2025। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मरीन ड्राइव में धरना दे रहे बर्खास्त बीएड धारी महिला शिक्षकों के साथ गृह मंत्री विजय शर्मा के इशारे पर आधी रात को पुलिस ने बर्बरता किया। ये बेहद आपत्तिजनक एवं निंदनीय है। महिलाओं का हाथ, पैर पकड़कर जोर जबरदस्ती उन्हें सड़को पर घसीट गया। इस दौरान पुलिस के कुछ जवान नशे में झूम रहे थे, ये साफ-साफ वीडियो में दिख रहा है। जहाँ पर महिला शिक्षक समूह में बैठी दिख रही है उनके ऊपर पुलिस के जवान कूद रहे है। पुलिसिया बर्बरता के चलते कई महिलाओं को चोट आयी है, उनके कपड़े फट गये, कुछ महिलाएं बेहोश हो गई। भाजपा सरकार बर्खास्त महिलाओं शिक्षकों को पुलिसिया ख़ौफ़ दिखा कर डराना चाहती है। लेकिन छत्तीसगढ़ की बेटियाँ डरेगी नहीं, कांग्रेस पार्टी बर्खास्त शिक्षकों को तत्काल वापस नौकरी देने की मांग करती है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार देश की पहली सरकार है जो नियमित रूप से नौकरी कर रहे लोगों को बर्खास्त की है। प्रदेश के सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी है, 57 हजार से अधिक से अधिक पद रिक्त है सरकार चाहे तो इन बर्खास्त शिक्षकों को वहां पर नौकरी दे सकती है पर सरकार की मंशा नौकरी देने की नहीं बल्कि नौकरी छीनने की है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि क्या यही मोदी की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारा है? क्या यही बीजेपी का महतारी वंदन है जिस प्रकार से महिला शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार हुआ, यह तो महिलाओं का अपमान है जहां महिला मौजूद होती है वहां पर महिला पुलिस की ड्यूटी लगायी जाती है, महिलाओं के सम्मान का ख्याल रखा जाता है पर यह सरकार तो महिलाओं को दबाना और कुचलना चाहती है बीते कई दिनों से बीएड धारी बर्खास्त शिक्षक अपनी बात को रखने मंत्रियों के घर चक्कर लगा रहे। उनकी बात नहीं सुनी जा रही है और जब वह लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन करते हैं तब उनका दमन करने के लिए पुलिस तंत्र का उपयोग किया जाता है। मरीन ड्राइव में हुई घटना की जांच होनी चाहिए। जिम्मेदार पुलिस के अधिकारी जवानों पर कार्रवाई होनी चाहिए और बर्खास्त बीएड धारी शिक्षकों की मांग को पूरा किया जाना चाहिये।