
सरगुजा पुलिस की बड़ी सफलता : रकम दुगनी करने का झांसा दे कर करोड़ों की ठगी के मामले में संलिप्त वेलफेयर बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड का जोनल मैनेजर गिरफ्तार… भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.
January 30, 2025आरोपियों द्वारा वेलफेयर बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी का कार्यालय खोलकर संचालन कर 08 करोड़ से अधिक की रकम निवेशकों से की गई थी ठगी.
थाना गांधीनगर एवं विशेष पुलिस टीम द्वारा मामले में कार्यवाही करते हुए आरोपी के विरुद्ध की गई सख्त वैधानिक कार्यवाही.
मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ़्तारी शेष हैं, जल्द ही प्रकरण के अन्य आरोपी भी होंगे गिरफ्तार.
अंबिकापुर. 30 जनवरी : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी देवराज यादव साकिन मैनपाट थाना कमलेश्वरपुर द्वारा दिनांक 04 सितंबर 2024 को थाना गांधीनगर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि वेलफेयर बिल्डिंग प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के डायरेक्टर व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा अम्बिकापुर के नमनाकला में उपरोक्त कंपनी का कार्यालय खोल कर कपनी का संचालन कर निवेशकों को कंपनी में रूपये जमा करने पर रकम दुगना करने का झांसा देकर रूपये जमा करवा कर कम्पनी बंद कर धोखाधड़ी कारित किये है। मामले में प्रार्थी कि रिपोर्ट पर थाना गांधीनगर में अपराध क्रमांक 519/24 धारा 420, 34 भा.द.वि. इनामी चिट एवं धन परिचालन स्कीम (पाबन्दी) अधिनियम 1978 की धारा 4, 5, 6 एवं छत्तीसगढ़ के निछेपकों का हित का संरक्षण नियम 2005 की धारा 10 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रार्थी व कंपनी के एजेंटो व अन्य ठगी के शिकार निवेशकों से पुछताछ कर कथन दर्ज किया गया है एवं उनके पेश करने पर निवेशकों की सूची व रकम जमा आदि साक्ष्य जप्त किया गया है। अब तक की विवेचना के दौरान प्रकरण में करीब 08 करोड़ रूपये की ठगी होना पाया गया, जो अन्य निवेशकों के बढ़ने की संभावना है। प्रकरण की विवेचना के दौरान कम्पनी का रजिस्ट्रेशन, मेमोरण्डम, बुकलेट आदि जप्त किया गया है। पुलिस टीम द्वारा घटना-स्थल का निरीक्षण किया गया जो कंपनी का कार्यालय बंद है एवं रजिस्टार ऑफ कम्पनी छत्तीसगढ़, आन्ध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल को पत्राचार कर जानकारी प्राप्त की जा रही है। रिजर्व बैंक ऑफ छत्तीसगढ़ को पत्राचार कर जानकारी प्राप्त की गयी है, प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपियों के द्वारा संचालित कम्पनी में वित्तीय लेने-देन की अनुमति नहीं प्रदाय की गई है। प्रकरण में प्रार्थी व गवाहों के कथन, जप्त व प्राप्त दस्तावेजों के अवलोकन पर पाया गया कि उपरोक्त कंपनी के डायरेक्टरों व अन्य पदाधिकारियों के द्वारा वेलफेयर नाम से कंपनी खोलकर बिना रिजर्व बैंक की अनुमति के लोगों को ज्यादा लाभ देने का झांसा देकर स्थानीय लोगों को एजेंट बनाकर चैन सिस्टम बनाकर सीधे साधे निवेशकों से कंपनी में रूपये जमा करा कर करोड़ों रूपये छल पूर्वक प्राप्त कर कंपनी का कार्यालय बंद कर भाग गये हैं।
प्रकरण में विवेचना के दौरान कंपनी के जोनल मैनेजर विनित कुमार पाण्डेय के द्वारा अम्बिकापुर में कंपनी के सेमिनार में शामिल होकर लोगों को प्रोत्साहित कर कंपनी में रूपये जमा करवा कर छल से रूपये प्राप्त किया है और कंपनी से लाभांश प्राप्त किया है, पुलिस टीम द्वारा आरोपी विनीत कुमार पाण्डेय को पकड़ कर पूछताछ की गई, आरोपी द्वारा अपना नाम विनीत कुमार पाण्डेय आत्मज कामेश्वर पाण्डेय उम्र 52 वर्ष साकिन शिवम् गार्डन फेज 01 फ्लैट नंबर 2-डी किलबर्न कॉलोनी, हीनू थाना डोरंडा रांची मूल निवासी ग्राम गोगदा थाना तरहसी जिला पलामु का होना बताया गया। आरोपी से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर घटना कारित किया जाना स्वीकार किया गया। आरोपी के विरुद्ध अपराध सबूत पाये जाने से गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया हैं। प्रकरण में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है, जिन्हें जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जायगा, प्रकरण में अग्रिम जांच विवेचना जारी हैं।
इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी गांधीनगर निरीक्षक मोरध्वज देशमुख, उपनिरीक्षक नवल किशोर दुबे, स्पेशल टीम प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक विवेक पाण्डेय, आरक्षक अरविन्द उपाध्याय, आरक्षक देवेंद्र पाठक, आरक्षक सत्येंद्र दुबे, आरक्षक संजीव चौबे, आरक्षक रमेश राजवाड़े सक्रिय रहे।