बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए संरक्षण की दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर करेें कार्य- श्रीमती तेजकुंवर
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम की अध्यक्षता में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बाल अधिकारों संरक्षण हेतु समीक्षा बैठक सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विधायक जशपुर श्री विनय भगत, कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल, बाल विकास संरक्षण आयोग की सदस्यगण श्रीमती पुष्पा पाटले, श्रीमती आशा यादव, श्री सोनल कुमार गुप्ता श्री आगस्टिन बर्नार्ड, एवं श्री बृजेन्द्र ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अरूण पांडेय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रंजीत टोप्पो, एसडीओपी जशपुर श्री आर.एस.परिहार, सुरज चौरसिया सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
श्रीमती नेताम ने कहा कि उत्साह और उमंग से भरा बचपन प्रत्येक बच्चों का अधिकार है। उनका बचपन बेहद खुशनुमा और प्रेम भरा होना चाहिए। इस हेतु बच्चों के अधिकारों का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए संरक्षण की दिशा में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने अभिभावकों, प्रशासन समाज एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सामूहिक रूप से प्रयास करने की बात कही। जिससे बच्चों के विकास के लिए बेहतर कार्य किया जा सकता है। श्रीमती नेताम ने जिले में बाल संरक्षण के लिए किए जा रहे सार्थक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विभाग, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के साथ आपसी समन्वय से कार्य करते हुए योजनाओं का और बेहतर क्रियान्वयन करे जिससे जिले के बच्चों को लाभ मिल सके।
विधायक श्री भगत ने कहा कि बच्चें मासूम एवं उम्मीदों से भरे होते है, इस हेतु बच्चों को विशेष ख्याल रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सतत रूप से कल्याणकारी योजनाओ का संचालन कर रही है जिसका लाभ उन्हें मिलना चाहिए। साथ ही उन्हें नशा के सेवन से बचाने के लिए विशेष ध्यान देने की बात कही साथ ही सतत निगरानी रखने के लिए विभाग प्रमुखो को कहा।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि जीवन की नींव एक सुरक्षित व समृद्ध बचपन में छिपी होती है इसलिए भविष्य की मुख्य कड़ी बच्चों के हित में कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आदिम जाति, श्रम सहित अन्य विभागों में बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि नशा के साथ ही बाल अपराध की शुरूआत होती है। इसलिए सभी सार्वजनिक स्थानों, पान ठेलों सहित मेडिकल स्टोर पर पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित जांच करने एवं निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया। साथ ही कोटपा एक्ट के तहत कार्यवाही करने की बात कही। इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि जिले में यूनिसेफ एवं जिला प्रशासन की सहयोग से बाल अधिकारों के संरक्षण, सुरक्षित प्रवास, बाल विवाह की रोकथाम सहित अन्य जनजागरूकता कार्यो के लिए जय हो कार्यक्रम की शुरूआत किया गया है। जिनके द्वारा सभी विकासखंड पंचायतों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनजागरूकता का कार्य किया जा रहा है।
बैठक में अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा जिले में बच्चों के लिए अनिवार्य तथा मुफ्त शिक्षा का अधिकार के बेहतर क्रियान्वयन, विद्यालय के मरम्मत योग्य एवं जर्जर भवनों के कार्ययोजना पर चर्चा, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए उपलब्ध शिक्षा के संसाधनों, बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्कूलों में खेलकूद की व्यवस्था तथा स्कूली बच्चों मंे कोविड संक्रमण से बचाव एवं टीकाकरण की विस्तारपूर्वक जानकारी ली गई। उन्होंने असमर्थ अथवा बिस्तर में रहने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए घर पर शिक्षा हेतु शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए कहा। कलेक्टर ने शिक्षा एवं समाज कल्याण विभाग को जिले में ऐसे बच्चों की सर्वे कराकर सूची तैयार करने हेतु निर्देशित किया। इसी तरह जिले के चिकित्सालयों में शिशुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी, पोषण पुनर्वास केन्द्र, टीकाकरण, राज्य शासन द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए चलायी जा रही योजनाओं, सामान्य टीकाकरण एवं कोविड संक्रमण से बच्चों के बचाव एवं वैक्सीनेशन की अद्यतन स्थिति के बारे में समीक्षा की गई। उन्होंने लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण और मुआवजा समय पर दिलाने, समय-समय पर बाल अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही। इसी तरह बच्चों से संबंधित आवासीय संस्थाओं जैसे बाल गृह, आश्रम, छात्रावास में उनके समुचित देखभाल, भोजन, सुरक्षा सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा सभी अधिकारियों को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करने की बात कही।