नदियों से उठाया पावन जल, सिर पर कलश और हृदय में शिवभक्ति, 11 हजार कलश लेकर निकली मातृशक्ति के उत्साह ने रचा भक्ति का अद्भुत दृश्य!

नदियों से उठाया पावन जल, सिर पर कलश और हृदय में शिवभक्ति, 11 हजार कलश लेकर निकली मातृशक्ति के उत्साह ने रचा भक्ति का अद्भुत दृश्य!

March 21, 2025 Off By Samdarshi News

मयाली (कुनकुरी), 21 मार्च 2025 : शिवधाम मयाली में स्थित विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव के समीप आज से सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें 11 हजार से अधिक मातृशक्ति एवं हजारों श्रद्धालु उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।

कलश यात्रा का शुभारंभ बेलजोरा नदी से हुआ, जहाँ से श्रद्धालुओं ने जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए मयाली कथा स्थल तक यात्रा पूरी की। इस भव्य आयोजन का आयोजन एकल अभियान एवं हरीकथा योजना समिति के सहयोग से समस्त सनातन समाज द्वारा किया गया।

बेलजोरा नदी से निकली कलश यात्रा ने सम्पूर्ण वातावरण को भक्तिमय बना दिया। हर-हर महादेव, जय भोलेनाथ, शंकर भगवान की जय के नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ इस यात्रा में भाग लिया।

21 मार्च से 27 मार्च तक चलने वाले इस कथा महोत्सव में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा श्रद्धालुओं को श्री शिव महापुराण कथा का पावन श्रवण कराएंगे। उनके दिव्य वचनों से श्रद्धालु भगवान शिव की महिमा और भक्तों पर उनकी कृपा की अद्भुत गाथाएँ सुनेंगे।

इस शुभ अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी कलश यात्रा में शामिल हुईं। उनका आगमन श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रेरणादायक रहा।

मधेश्वर पहाड़ के पास स्थित यह दिव्य स्थल इन दिनों आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। कथा स्थल एवं प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु यहाँ पहुंचे हैं। मयाली धाम हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा है और सम्पूर्ण वातावरण शिवमय हो गया है।

इस कथा आयोजन से श्रद्धालुओं के बीच भक्ति, श्रद्धा और शिव भक्ति की ऊर्जा का संचार हो रहा है। हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की कथा सुनने के लिए पहुँच रहे हैं और इस दिव्य आयोजन का आनंद ले रहे हैं।

श्री शिव महापुराण कथा के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का प्रचार-प्रसार हो रहा है, जिससे समस्त श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत हो रहे हैं।

Advertisements