न करदाता को राहत है और न गरीबों के लिये कोई योजना, सीतारमण के बजट से आम आदमी में न भरोसा पैदा हुआ और न विश्वास – कांग्रेस

न करदाता को राहत है और न गरीबों के लिये कोई योजना, सीतारमण के बजट से आम आदमी में न भरोसा पैदा हुआ और न विश्वास – कांग्रेस

February 1, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्रीय बजट आंकड़ों का माया जाल मात्र है, बजट से देश के आम आदमी में न भरोसा पैदा हुआ और न विश्वास। बजट में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिये अलग से कुछ भी नहीं है। मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा किया था। मोदी की वित्त मंत्री ने 2022 के बजट में भी किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी इसके लिये कोई प्रावधान नहीं किया। वित्त मंत्री न किसानों उपज समर्थन मूल्य में खरीदी का जिक्र मात्र किया है लेकिन इसके लिये कोई वित्तीय प्रावधान नहीं है। यह भी भाजपा के अन्य वायदो के सम्मान जुमला साबित होगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के तीसरे बजट में हर साल दो करोड़ रोजगार पर भी कुछ नहीं है। आम आदमी के लिये रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधायें कैसे जुटाई जायेगी इसलिये सीतारमन के बजट में कुछ नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि निर्मला सीतारमण के बजट में कहीं भी ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम कोविड जैसी महामारी से लड़ रहे न स्वास्थ्य पर जोर, न स्वास्थ्य सुविधायें जुटाने पर जोर और न ही कोविड के बाद समाप्त हो चुकी रोजी-रोटी की व्यवस्था के सुधार देश की बर्बाद अर्थव्यवस्था व्यापार उद्योग को राहत देने का ठोस उपाय नहीं है। जो पहले से चल रही नियमित ट्रेन है उनमें से तीस फीसदी से अधिक बंद पड़ी है वित्तमंत्री आने वाले 3 साल में 400 वंदे भारत ट्रेने चलाने की घोषणा कर जनता को ठगने का काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर राज्य में आने वाले 5 सालों में 12 से 15 लाख नौकरियों की कार्ययोजना पर सवाल खड़ा करने वाले भाजपाई बतायें कि मोदी सरकार के द्वारा बजट में आने वाले 25 सालों की कार्ययोजना की बात पर उनका क्या कहना है? बजट सिर्फ कल्पना लोक की सैर करा रहा है। हकीकत से मोदी सरकार के बजट से कुछ लेना देना नहीं है। आम आदमी के जीवन स्तर पर इस बजट का क्या प्रभाव पड़ेगा न बजट बता पा रहा और न ही बजट प्रस्तुत करने वाली वित्त मंत्री सीतारमण बता पाई। न करदाता को राहत है और न गरीबों के लिये कोई योजना।