
97.5 लाख के सफाई घोटाले से गरमाई कुनकुरी की राजनीति, नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने उठाया मामला….सवालों के घेरे में आई पूर्ववर्ती कांग्रेस की नगर सरकार…!!
April 3, 2025अध्यक्ष विनयशील ने नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) से पत्र लिखकर डेम सफाई कार्य से जुड़े सभी दस्तावेजों की मांगी जानकारी
कुनकुरी, 3 अप्रैल 2025/ नगर पंचायत कुनकुरी के अध्यक्ष विनयशील ने नगर के एकमात्र निस्तारी डैम एवं छठ घाट के सफाई कार्य में अनियमितताओं को लेकर फिर से सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) से पत्र लिखकर इस कार्य से जुड़े सभी दस्तावेजों की मांग की है।
अध्यक्ष विनयशील ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस सफाई कार्य के लिए नगर पंचायत को करीब 97.5 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई थी। इसके उपरांत भी स्थानीय जनता के बीच कार्य की गुणवत्ता को लेकर गंभीर संदेह हैं और व्यापक चर्चा है कि इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने तीन बार मौखिक रूप से संबंधित फाइलों की मांग की, लेकिन मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने उन्हें अब तक फाईलें या जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।
भ्रष्टाचार के आरोप, पारदर्शिता पर सवाल
अध्यक्ष विनयशील ने नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखकर दो दिवस के भीतर निम्नलिखित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है – स्वीकृत कार्य आदेश की प्रति, तकनीकी स्वीकृति और माप पुस्तिका, बिल भुगतान एवं नोटशीट, कार्य से जुड़े अन्य सभी दस्तावेज के साथ जल संसाधन विभाग से लिया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र।
नगर पंचायत अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए गए, तो यह मामला और तूल पकड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता की कमी के चलते जनता में असंतोष बढ़ रहा है और नगर पंचायत प्रशासन के साथ साथ छत्तीसगढ़ शासन व प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।
राजनैतिक मोड़ ले सकता है मामला
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा केवल प्रशासनिक गड़बड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनैतिक निहितार्थ भी हो सकते हैं। नगर पंचायत स्तर पर इस तरह के वित्तीय घोटालों के आरोप से पिछली कांग्रेस की नगर सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। विपक्षी दल भाजपा भी इस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और जाँच की माँग कर सकते हैं।
अध्यक्ष विनयशील ने इस पत्र की एक प्रति सहायक संचालक, नगरीय निकाय संभाग, सरगुजा को भी भेजी है, जिससे कि उच्च स्तर पर इस मामले की जाँच हो सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नगर पालिका अधिकारी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह मामला जाँच के दायरे में आएगा?