एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत अंतर विभागीय समन्वय एवं समीक्षा बैठक आयोजित, 21 मार्च से एनीमिया मुक्त रायपुर सप्ताह का किया जाएगा आयोजन
February 10, 2022समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर, कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में आज यहां एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम अंतर्गत अंतर विभागीय समन्वय एवम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। देश को एनिमिया मुक्त करने सरकार कई योजनाओं के तहत कार्यक्रम चला रही है। भारत में 17 जुलाई से एनिमिया मुक्त भारत बनाने अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत गांव-गांव जाकर 5 वर्ष तक के बच्चों और 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं की रक्त जांच की जाएगी और एनिमिक पाए जाने पर उन्हें जरूरी उपचार दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया कि 21 मार्च नेशनल एनिमल डे से रायपुर जिले में एनीमिया मुक्त रायपुर सप्ताह मनाया जाएगा। जिसमें मिड डे मील में आयरन रिच फूड का समायोजन, स्कूलों में आयरन रिच लंच बॉक्स, पोस्टर प्रतियोगिता, शिविर आदि का आयोजन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है किंतु हमारे देश में इसका सबसे बड़ा कारण है पौष्टिक आहार में कमी, इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। यह कीड़े प्रदूषित जल और खाद्य पदार्थ द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और शरीर में आयरन की कमी होने पर खून में कमी होती है। खून में कमी होने पर हमें डाइट में पालक, टमाटर, चुकंदर, सेब, अनार आदि का प्रयोग करना चाहिए।
करोना कॉल में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को वीकली गोली नही उपलब्ध हो पाया था जिससे एनीमिया के केस में वृद्धि हुई। इस संबंध में आज की समन्वय बैठक में निर्णय लिया गया की महिला एवम बाल विकास विभागऔर स्कूल शिक्षा विभाग में जितने भी टैब की जरूरत है, उसकी पूर्ति स्वास्थ विभाग के द्वारा किया जायेगा। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल, डाॅ स्मृति देवांगन, डाॅ निकिता पवार, निशामणि साहू, पिलाराम कुम्हार, डॉ पंकज, अनुराधा, नेहा निर्मलकर, गजेंद्र डोंगरे सहित शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हुए।
उल्लेखनीय है मार्च 2018 से पोषण अभियान का शुरुआत किया गया था। उसका मुख्य उद्देश्य एनीमिया की संख्या में कमी लाना है एवं एनीमिया के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग ने पोषण अभियान एवं राष्ट्रीय पोषण रणनीति को बनाया था। एनीमिया मुक्त भारत की संरचना बच्चों, वयस्कों एवं महिलाओं (आयु 15-49 वर्ष) में एनीमिया की दर में प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की कमी साल (2018 से 2022) तक लाने निर्धारित कि गयी थी।