नेशनल लोक अदालत में गठित 8 खण्डपीठों द्वारा 594 लंबित प्रकरण का किया गया निराकरण, उपस्थित लोगों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

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6 प्री-लिटिगेशन प्रकरण के साथ कुल 600 प्रकरणों का किया गया निराकरण

समदर्शी न्यूज़ जगदलपुर

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिए गए निर्देश एवं माननीय जिला न्यायाधीश- अध्यक्ष श्रीमती सुमन एक्का के मार्गदर्शन में शनिवार को बस्तर जिले में “नेशनल लोक अदालत” का आयोजन भौतिक एवं वर्चुअल उपस्थिति के माध्यम से किया गया । नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ श्रीमती सुगन एक्का, जिला न्यायाधीश-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जगदलपुर द्वारा “न्याय सबके लिए” के उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं बैंक अधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर किया गया तथा नेशनल लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाए जाने हेतु मार्गदर्शित भी किया गया ।

आयोजित “नेशनल लोक अदालत” हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले में कुल 8 खण्डपीठों क्रमशः खण्डपीठ क्रमांक-1 श्री अशोक कुमार साहू, न्यायाधीश परिवार न्यायालय जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-2 श्री ग्रेगोरी तिर्की चेयरमेन स्थायी लोक अदालत जगदलपुर, खण्डपीठ क्रमांक-3 श्री डी०आर०देवांगन, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर, खण्डपीठ कमांक-4 श्रीमती निधि शर्मा तिवारी, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर, खण्डपीठ कमांक-5 श्री एस०एल०मात्रे, पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय जगदलपुर, खण्डपीठ कमांक-6 श्री बलराम कुमार देवांगन, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदलपुर, खण्डपीठ कमांक-7 श्रीमती अनिता ध्रुव, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जगदलपुर एवं खण्डपीठ क्रमांक-8 सुश्री सीमा कंवर, पंचम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जगदलपुर के न्यायालय की खण्डपीठ का गठन किया गया था।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज ने यह भी बताया कि आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल रखे गये लंबित 913 प्रकरणों में से मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित 13 प्रकरणों में अंतिम निराकरण करते हुए मोटर दुर्घटना से पीड़ित व्यक्तियों को कुल 44 लाख 35 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति दिये जाने का आदेश दिया गया। जिला न्यायालयों द्वारा 45 आपराधिक प्रकरण, व्यवहार वाद के 13 प्रकरण, धारा 138 नि ई एक्ट के 9 प्रकरण, पारिवारिक 17 प्रकरण, जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित 1 प्रकरण, श्रम न्यायालय जगदलपुर द्वारा 16 प्रकरण, एवं राजस्व न्यायालयों द्वारा 362 प्रकरण का निराकरण करते हुए कोरोना महामारी के दौरान एवं आपदा प्रबंधन के अंतर्गत थानों द्वारा दर्ज 92 मामलों सहित अन्य 26 प्रकरणों का निराकरण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया ।

इसी प्रकार सभी प्रमुख बैंकों, बीएसएनएल विभाग एवं नगरनिगम (जल प्रदाय शाखा) द्वारा रखे गये कुल 1060 प्रकरणों में से बैंकों को 2 प्रकरणों में रूपये 16 हजार तथा बीएसएनएल के 4 प्रकरणों में कुल रूपये 7,572 के समझौता राशि के आधार पर प्रस्तुत प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया गया। उक्त आयोजित नेशनल लोक अदालत में श्रीमती निधि शर्मा तिवारी, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर की खण्डपीठ द्वारा 1 दावा संबंधी लंबित प्रकरण में वर्चुअल सुनवाई करते हुए उनके प्रकरण को निराकृत भी किया गया। इसी प्रकार भारत सरकार गृह मंत्रालय से प्राप्त पत्र के अनुसार छ.ग. शासन गृह विभाग के निर्देशानुसार कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी के गठित समिति द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान जगदलपुर के थानो में दर्ज आपराधिक प्रकरणो को वापस लिए जाने की अनुशंसा किये जाने के परिणाम स्वरूप छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायालय जगदलपुर द्वारा आपदा प्रबंधन एवं कोविड-19 महामारी के दौरान थाना में दर्ज ऐसे मामलो को निपटारे एवं वापसी हेतु बलराम कुमार देवांगन, मुख्य न्यायिक मजिस्टेट को विशेष न्यायाधीश के तौर पर नामित किया गया था जिनके द्वारा आज नेशनल लोक अदालत में त्वरित कार्यवाही करते हुए 73 ऐसे मामलो को शासन के अनुशंसा पर वापसी की कार्यवाही भी की गई। इसके साथ ही आबकारी विभाग, यातायात थाना एवं जगदलपुर के आरक्षी केन्द्रो से पेश 42 मामलो में मामूली अर्थदण्ड अधिरोपित कर मामलों का निराकरण किया गया।

छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दिशा-निर्देशों के अनुसार माननीय जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्रीमती सुमन एक्का एवं बस्तर जिला कलेक्टर रजत बंसल के मार्गदर्शन में आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिले के राजस्व न्यायालयों जगदलपुर, लोहण्डीगुड़ा,बस्तर, तोकापाल, बकावण्ड, बास्तनार एवं दरभा द्वारा कुल 362 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज ने यह भी बताया कि आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर न्यायालय परिसर में उपस्थित होने वाले न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारगणों के स्वास्थ्य जांच किए जाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी किया गया था। आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारगणों द्वारा अपना स्वास्थ्य जांच कराया गया ।

“सबको शीघ्र और सस्ता न्याय, जिसमें न किसी की जीत और न किसी की हार”

आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कई लोगों को आपसी सुलह समझाईस से राजीनामा किए जाने के कारण उन्हें न्यायालयीन प्रकरणों में राहत मिला, जिसमें परिवार न्यायालय जगदलपुर के न्यायालय में श्रीमती सुनीता पंसारी एवं अन्य विरूद्ध कमल नारायण के  प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक का विवाह 7/2/11 को होने के पश्चात् उनके दाम्पत्य जीवन से एक पुत्र एवं दो पुत्री का जन्म हुआ है । विवाह पश्चात् अनावेदक द्वारा आवेदिका को कुछ दिन तक ठीक रखा गया उसके पश्चात् अनावेदक और उसके परिवारवालों द्वारा भी आवेदिका के साथ विवाद करते हुए आवेदिका को घर से 11/7/19 को निकाल दिया गया,जिससे आवेदिका अपने तीनों बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर जगदलपुर आकर रहने लगी और घटना के बारे में बोधघाट थाने में दिनांक 24/7/19 को रिपोर्ट दर्ज करायी। अनावेदक द्वाराभरण-पोषण हेतु ध्यान न दिये जाने पर आवेदिका ने 8/8/19 को अनावेदक के विरूद्ध रूपये 15 हज़ार रूपये भरण पोषण दिलाये जाने हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरणमें न्यायालय के पीठासीन अधिकारी एवं सुलहकर्ता सदस्यों द्वारा समझाईस देकर उनके मध्य विवाद को समाप्त कराया गया। न्यायालय द्वारा दी गई समझाईस के बाद उभयपक्ष के मध्य सुलह होने और विवाद का आपसी निपटारा हो जाने से और आवेदिकागणों को अपने साथ अपने घर लेकर जाने हेतु राजी हो जाने से प्रकरण समाप्त कर उन्हें भविष्य में सुखमय पारिवारिक जीवन व्यतीत करने की शुभकामनाएं भी दी गई।

श्रीमती अनिता धुव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जगदलपुर के न्यायालय में उक्त तीनों प्रकरण एक ही परिवार के मध्य आपसी मनमुटाव के बीच था, जिसमें आपराधिक प्रकरण कमांक 225/2021 मे माँ को उसके बेटे ने मारपीट एवं गालीगलौज किया था। आपराधिक प्रकरण कमांक 1341 / 2021 मे बहु ने अपने सास-ससूर के विरूद्ध मारपीट का आरोप लगाया था तथा आपराधिक प्रकरण कमांक 878/2020 में भाई ने अपने छोटे भाई के विरुद्ध मारपीट का मामला दर्ज करवाया था। तीनों ही प्रकरण एक ही परिवार के बीच का है। उक्त तीनों प्रकरणों में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी एवं सुलह करवा सदस्यों द्वारा समझाईस देकर उनके मध्य विवाद को समाप्त कराया गया। न्यायालय द्वारा दी गई समझाईस के बाद उभयपक्ष के मध्य सुलह होने और विवाद का आपसी निपटारा हो जाने से मां ने अपने बेटे को, भाई ने अपने भाई को और बहु ने अपने सास-ससूर का मान करते हुए आपस में अपने प्रकरणों में राजीनामा किया।

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