आंचलिक कविता पाठ में सुनाई गई हल्बी, भतरी, गोंडी बोली में कविताएं

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लोक संस्कृति और लोक परम्परा से जोड़ने का हो रहा कार्य : कलेक्टर श्री बंसल

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

आसना स्थित बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एण्ड लिटरेचर (बादल एकेडमी) शनिवार में को आंचलिक कविता पाठ का आयोजन किया गया।इस अवसर पर बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों से 51 कवि शामिल हुए, जिन्होंने हल्बी ,भतरी गोंडी,धुरवा,  छत्तीसगढ़ी और हिंदी में स्वरचित कविताएं सुनाईं

इस अवसर पर कलेक्टर बस्तर श्री रजत बंसल ने कहा कि बादल की जो परिकल्पना हम सब ने मिलकर की थी वह अब फलीभूत हो रही है। आपने इस सुंदर आयोजन में हिस्सेदारी कर बादल के उद्देश्य को सार्थक बनाया है। आपने इस तरह से आने वाली पीढ़ी को लोकसंस्कृति व लोक परम्पराओं से जोड़ने का कार्य किया है।

इस गरिमामयी आयोजन में पद्मश्री धर्मपाल सैनी ,शिक्षाविद बसन्त लाल झा एवं वरिष्ठ साहित्यकारों में दादा जोकाल, सुभाष पाण्डे, शिवकुमार पाण्डे, हिमांशु शेखर झा, डॉ. सुषमा झा, उर्मिला आचार्य, नरेंद्र पाढ़ी, शशांक श्रीधर, डॉ.प्रकाश मूर्ति, सनत जैन सहित अनेक कवि एवं कवियत्री शामिल हुए। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दंतेवाड़ा  कमांडेंट भी इस अवसर पर विशेष रूप से शामिल हुए।

इस दौरान जनजातीय समाज के समाज प्रमुख़ के रूप में  कोया समाज से सरगीम कवासी एवं आयतु मण्डावी, हल्बा समाज से हरिश्चंद्र लेकाल व मानस राणा,मुण्डा समाज से बाबूलाल मुण्डा व बहादुर मुण्डा, भतरा समाज से सियाराम नाग व राजेन्द्र तथा मुरिया समाज से सामुराम मौर्य,तुलाराम मौर्य  व नेताम और बड़ी संख्या में सम्माननीय श्रोतागण उपस्थित हुए।

 आंचलिक कविता पाठ कार्यक्रम का शुभारम्भ उपस्थित अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व पूजन से किया गया। उल्लेखनीय है कि कविता पाठ का सिलसिला दादा जोकाल की गोंडी कविता से प्रारम्भ होकर अंत तक रोचकता लिए हुए था। सभी कवियों ने हल्बी, गोंडी, भतरी, धुरवा, छत्तीसगढ़ी व हिंदी में रची अपनी कविताओं में बस्तर की संस्कृति सभ्यता व सुंदरता का बखान करते हुए अपने दर्द व हर्ष को उजागर किया और अपनी कविताओं से उन्होंने अतिथियों व श्रोताओं के मध्य अपनी गहरी छाप छोड़ी।

इस कार्यक्रम में बीजापुर से आए हुए कवि बीरा राजबाबू की कविता संग्रह ‘काव्यनाद’ का विमोचन कलेक्टर श्री बंसल ,पद्मश्री धर्मपाल सैनी, शिक्षाविद बसंतलाल झा,दादा जोकाल व वरिष्ठ साहित्यकारों के कर कमलों से किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रभारी विजय सिंह ने बादल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। अतिथियों एवं कवियों का स्वागत शिवनारायण पाण्डे, लखेश्वर खुदराम, गोवर्धन पाणिग्राही, वंदना झा,महेंद्र सिंह ठाकुर व बादल स्टाफ द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रभारी पूर्णिमा सरोज ने आकर्षक अंदाज में किया। इस तरह आंचलिक कविता पाठ का कार्यक्रम अपने उद्देश्य में सफल रहा। उपस्थित अतिथियों ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रसंशा की। आंचलिक कविता पाठ कार्यक्रम का आयोजन सहायक कलेक्टर सुरुचि सिंह,एस.डी. एम.दिनेश नाग के मार्गदर्शन में  किया गया।

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