जिला जेल जशपुर में विधिक सहायता शिविर का हुआ आयोजन
February 28, 2022समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता डहरिया के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के सचिव श्री अमित जिन्दल द्वारा जिला जेल जशपुर का निरीक्षण करते हुए विधिक सहायता शिविर का आयोजन विगत दिवस को किया गया।
उन्होंने विधिक जागरूकता शिविर में उपस्थित बंदियो को उनके अनेक अधिकारों व अनेक विषयो पर कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि कुछ मामलो में प्ली-बारगेनिंग का लाभ उठाया जा सकता है। यह प्रावधान उन अपराधो में लागू होता है जहां सात साल के दण्ड तक का प्रावधान हो और जहां अपराध देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है या स्त्री या 14 साल के बालक के विरूद्ध किया गया हो वहां यह प्रावधान लागू नही होता है।
इसके लिए अभियुक्त के स्वेच्छा से आवेदन पेश करने पर प्रकरण का पारस्परिक सन्तोषप्रद निपटारा अर्थात आपसी बात-चीत से निपटारा किया जा सकता है तथा ऐसी दशा में तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के प्रावधान अभियुक्त के प्रकरण में आकर्षित है, तो वह अभियुक्त परिवीक्षा पर निर्मुक्त किया जा सकता है। न्यूनतम दण्ड के आधे दण्ड से या अन्य दशा में अपराध के लिए उपबन्धित, विस्तारित जैसी स्थिति हो, दण्ड के एक-चौथाई दण्ड से दण्डित किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्णय, आदेश में यह विधि व्यवस्था की गई है कि यदि दोषसिद्धि होने पर अभियुक्त जेल जाता है या विचारधीन बंदी की दोषसिद्धि होती है तो अभियुक्त को प्रदत निर्णय की प्रतिलिपि के अतिरिक्त, निर्णय की एक अन्य अतिरिक्त सत्यापित प्रति जेल प्राधिकारी को प्रेषित किए जाने की व्यवस्था की गई है। ताकि कोई भी बंदी अपील के अधिकार से वंचित न रह सके। विधिक सेवा शिविर में जेल अधीक्षक श्री मनीष संभारकर भी उपस्थित थे।