जशपुर काजू के नाम से प्रसिद्ध काजू की मांग लोकल बाजार के साथ अन्य राज्यों में काफी डिमांड, जिले के लगभग 8 हजार किसान काजू की खेती से जुड़े

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रायटोली में जशपुर काजू की अच्छी पैंकिंग करके 10 महिलाएं प्रत्येक साल 3 लाख तक की आर्थिक लाभ ले रही

जिला प्रशासन द्वारा समूह को काजू प्रोसेसिंग यूनिट की सुविधा दी गई, प्रत्येक महिलाओं को 30-30 हजार रूपये का मुनाफा हो रहा

खेती-किसानी के साथ महिलाएं अतिरिक्त लाभ के लिए काजू पैंकिंग का करती है कार्य

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर जिले के दुलदुला विकासखण्ड के रायटोली में सूरजमुखी स्व-सहायता समूह की 10 महिलाएं काजू प्रोसेसिंग यूनिट में कार्य कर रही है। काजू अच्छी पैंकिंग करके और बाजार में विक्रय से अच्छा मुनाफा कमा लेती हैं। जशपुर काजू के नाम से प्रसिद्ध काजू की मांग स्थानीय बाजार से लेकर अन्य राज्य तक भी अच्छी खासी है और लोग जशपुर के काजू को अधिक पसंद भी करते हैं।

समूह की महिलाएं आज आत्मनिर्भर बन गई हैं और अपने परिवार को आर्थिक मदद कर रहीं हैं साथ अपने परिवार के साथ खुशाल जीवन व्यतीत कर रही हैं। महिलाओं को एनआरएलएम के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा काजू के बेहतर पैकिंग करने के लिए काजू प्रोसेसिंग यूनिट मशीन भी समूह को उपलब्ध कराया गया है। काजू प्रोसेसिंग से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि वर्ष में लगभग 7 से 8 माह काजू प्रोसेसिंग का कार्य करती हैं। प्रत्येक महिलाओं को 01 वर्ष में लगभग 30-30 हजार तक का मुनाफा हो रहा है। सूरजमुखी समूह को प्रत्येक वर्ष 3 लाख रूपए तक की काजू से आमदनी हो रही है। महिलाएं इस कार्य से जुड़कर खुश हैं और जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रही हैं।

समूह की महिलाओं ने बताया कि आज उनको कार्य मिलने से आर्थिक समस्या नहीं हो रही है और खेती किसानी से भी जुड़ी हुई हैं काजू उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि जिले के लगभग 8 हजार किसान काजू की खेती से जुड़े हुए हैं।  किसानों को काजू विक्रय से अच्छा लाभ मिल रहा है।

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