आकांक्षी जिला नारायणपुर के स्व सहायता समूह की महिलाओं के कार्यों को नीति आयोग ने सराहा

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, नारायणपुर

आकांक्षी जिला नारायणपुर के स्व सहायता समूह की महिलाओं के कार्यों को नीति आयोग ने सराहा। आकांक्षी जिला नारायणपुर की महिला समूह शासन की योजनाओं का लाभ लेकर कोदो, कुटकी और रागी का उत्पादन कर 15 से 20 हजार रुपए की मासिक आमदनी कर रही हैं। दंतेश्वरी स्व सहायता समूह की महिलाएं अब तक प्रसंस्करण कार्य से लगभग 4 लाख रुपए कमा चुकी हैं।

नारायणपुर जिले के ग्राम पालकी में मॉं दन्तेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह की महिलायें कोदो-कुटकी प्रसंस्करण कार्य से जुड़कर अपनी आमदनी में इजाफा कर रही है। समूह की महिलाओं से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनके समूह में 10 महिलायें सक्रिय होकर काम कर रही है।  महिलाओं ने बताया कि समूह में जुड़ने के पहले वे कृषि विज्ञान केन्द्र केरलापाल में रोजी-मजदूरी का काम करती थी, जिसमें उन्हें 120 से 150 प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती थी, जो की जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं था। इसके अलावा घर के आवश्यकता की पूर्ति हेतु गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना में भी कार्य कर रही थी। कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई केन्द्र शुरू करने का प्रोत्साहन कृषि विज्ञान केंद्र एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना से मिला।

  समूह की महिलायें बताती है कि कृषि विज्ञान केंद्र के माघ्यम से प्राप्त प्रशिक्षण एवं कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग इकाई प्रदाय किया गया। वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना बिहान से प्राप्त आर्थिक सहयोग जैसे बैंक लिंकेज 5 लाख, चक्रिय निधि – 15 हजार प्राप्त है। इस राशि से  कोदो, कुटकी रागी प्रसंस्करण कार्य प्रारंभ किया। इस कार्य करने के उपरान्त धीरे-धीरे हमारे समूह मां दन्तेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को अच्छे आमदनी होने लगी। समूह के 3 सदस्य गांव-गांव में जा कर कोदो, कुटकी रागी किसानों से कोदो कुटकी 35 रूपये की दर से क्रय करने की कार्य करते है। क्रय करने के बाद उसे प्रसंस्करण केन्द्र में प्रसंस्करण कार्य करते है फिर पैकेजिंग करके स्थानीय बाजार, दुकान और बाहरी बाजार में भी थोक एवं चिल्लर विक्रय करते है ।

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