समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आमजन की समृद्धि का बजट : पुरानी पेंशन योजना की बहाली, पंचायत प्रतिनिधि के मानदेय में वृद्धि, विधायक निधि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई और रोजगार के अवसर बढेंगे – मोहन मरकाम

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत चौथे बजट का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि समावेशी विकास और सामाजिक न्याय ही कांग्रेस की पहली प्राथमिकता है। बजट में सभी वर्गों का पूरा ख्याल रखा गया है। महिलाओं की समृद्धि, सुराजी ग्राम योजना, युवाओं के लिए रोजगार मिशन, कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के साथ ही उद्योग और सेवा के क्षेत्रों पर भी बराबर फोकस है। भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए देश की इकलौती योजना की राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 रूपये प्रति वर्ष किया जाना और उसमें पौनी-पसारी, पुजारी, बैगा-गुनिया, मांझी, बाजा बोहैया जैसे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े वर्ग को को भी शामिल करना समावेशी विकास और सामाजिक न्याय का उदाहरण है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग पुरानी एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली करके भूपेश बघेल सरकार ने प्रमाणित किया है कि सरकारी योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य के कर्मचारियों के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए नए आवास निर्माण के साथ ही बजट में नए पदों का सृजन भी किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 50 से 70 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। विधायक निधि डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर सीधे चार करोड़, रोजगार मिशन के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि के साथ ही कौशल विकास में नवाचार का संकल्प इस बजट में प्रमाणित है। महिलाओं के समृद्धि, सुरक्षा, विकास और स्वावलंबन के अवसरों के लिए भी इस बजट में प्रावधान है। सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने, नए स्कूल कॉलेज खोलने, अतिरिक्त भवन की व्यवस्था, समाज कल्याण के मेदो में बजट का पर्याप्त प्रावधान कुल मिलाकर भूपेश बघेल सरकार के चौथे बजट में जन अपेक्षाओं को पूरा किया है, अपने वादों पर खरी उतरी है।

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