सांस्कृतिक धरोहर की जानकारी मोबाईल में की जाएगी अपलोडए मेरा गांव मेरा धरोहर का किया जाएगा सर्वे कार्य

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

भारत सरकार कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से मेरा गांव मेरा धरोहर का सर्वे कराया जाना है इसके लिए विगत दिवस कलेक्टोरेट मंत्रणा सभाकक्ष में बीएलई लोगों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर द्वारा बताया गया कि मेरा गांव मेरा धरोहर सर्वे के तहत् गांव के सांस्कृतिक धरोहर की सूचना को मोबाईल में अपलोड किया जाएगा। जिससे लोगों अपने गांव की माटी धरोहर से जुड़ सकेगें। इसके लिए भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय और सीएससी ई-गर्वेनेस के मध्यम से अनुबंध किया जा चुका है। जिले में योजना का परीक्षण भी किया जा चुका है। इस अवसर पर श्री विवेश सिंह और बीएलई उपस्थित थे।

                पायलेट सर्वे के दौरान जिले के कुछ पंचायतों में सीएससी कर्मियों द्वारा कार्य किया जा चुका है। सीएससी के जिला प्रबंधक श्री विश्वजीत पण्डा ने बताया कि ग्राम स्तर पर सीएससी संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसको मेरा गांव मेरा धरोहर का नाम दिया गया है। जिले के सभी ग्राम पंचायतों के च्वाईस सेंटर संचालकों की ट्रेनिंग कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि मेरा गांव मेरा धरोहर सांस्कृतिक शब्द से आशय है कि कोई भी चीज जिसमें कुछ विशेष हो या पुरानी हो सरकार ऐसी सभी चीजों को एकत्र कर चीजों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षण कराना चाहती है। सांस्कृतिक धरोहर से संबंधित फोटो, विडियों और उससे संबंधित जानकारी भी अपलोड की जाएगी। उसको मोबाईल एप के माध्यम से दर्ज किया जाएगा है। सांस्कृतिक धरोहर के अंतर्गत पारंपरिक नाश्ता एवं भोजन, पारंपरिक आभूषण, पारंपरिक पोशाक, आस्था एवं विश्वास, प्राचीन विरासत एवं धरोहर, प्रसिद्ध व्यक्ति, पारंपरिक सास्कृतिक कला, प्रसिद्ध कलाकार और पारंपरिक तीज त्यौहार शामिल है।

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