चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार ने जनता को किया महंगाई के हवाले, चुनाव खत्म होते ही महंगाई को लेकर जनता पर बेरहम हुई केंद्र सरकार – धनंजय सिंह ठाकुर

चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार ने जनता को किया महंगाई के हवाले, चुनाव खत्म होते ही महंगाई को लेकर जनता पर बेरहम हुई केंद्र सरकार – धनंजय सिंह ठाकुर

March 12, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

गेहूं और तेल के दामों में उछाल पर मोदी सरकार को मुनाफाखोर बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही जिसकी आशंका थी वहीं हुआ। मोदी सरकार ने जनता के जेब में डाका डालना शुरू कर दिया है। चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार का जनता से सरोकार खत्म हो चुका है। मतदान तक मोदी सरकार ने अपने और अपने उद्योगपति मित्रों के मुनाफाखोरी को किसी तरह से रोक रखा था, चुनाव खत्म होते ही महंगाई के मामले में सरकार और भी ज्यादा बेरहम होती नजर आ रही है। भाजपा निर्मित महंगाई ने आम आदमी की कमर पहले से ही तोड़ रखी है।हर चीज की कीमतें आसमान छू रही हैं, लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किचन से लेकर सड़क तक कीमतों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।किचन में सब्जी से लेकर दाल और यहां तक खाने की हर चीज की कीमतें कई गुना बढ़ चुकी हैं। पिछले 7 सालों से मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के दुष्परिणाम को देश की जनता भुगत रही है।केवल दो चार उद्योगपतियों की उंगलियों पर बेशर्मी से नाच रही केंद्र की मोदी सरकार को देश की 130 करोड़ जनता से कोई सरोकार नहीं है।बढ़ती महंगाई के कारण उत्पादन घट रहा है, हर रोज किसी न किसी उपक्रम पर ताला लग रहा है, हर रोज सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं।देश में गरीबी,महंगाई और बेरोजगारी ने उत्पात मचा रखा है, मगर जनता से झूठ बोलकर केंद्र में बैठी भाजपा सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को राहत देने में लगी है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा अब एक राजनीतिक दल नहीं प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुकी है।काँग्रेस सरकार ने 10 साल में 27 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला था, लेकिन भाजपा सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीबी का शिकार बना दिया।देश में हर रोज गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, भाजपा देश को आजादी के तुरंत बाद वाली उस स्थिति में लाना चाहती है, जब लोगों के पास खाने के लिए अनाज और पहनने के लिए कपड़ा नहीं था।