दूरस्थ वनांचल स्थित चिलमा में नर्सरी विकसित: विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा तथा अभ्यारण्य क्षेत्र के 51 गांव के ग्रामीणों को भी मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के लाभ का अवसर

August 17, 2021 Off By Samdarshi News

सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के ग्रामीणों को मिला आय का नया जरिया

रायपुर,- मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का सफल क्रियान्वयन सहित पौध वितरण के लिए प्रदेश के दूरस्थ वनांचल स्थित ग्राम चिलमा में विकसित नर्सरी से आदिवासी-वनवासी सहित सेमर सोत अभ्यारण्य क्षेत्र के ग्रामीणों को आय का अच्छा स्रोत मिल गया है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में तैयार इस नर्सरी से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा सहित सेमरसोत अभ्यारण्य क्षेत्र के 51 गांव के लोगों को लाभ का अवसर उपलब्ध हुआ है।

राज्य शासन द्वारा इस वर्ष मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। यहां ग्राम चिलमा में विकसित नर्सरी से अभ्यारण्य क्षेत्र के रहवासियों को भी आसानी से पौधे उपलब्ध होना सुगम हुआ है। अभ्यारण्य क्षेत्र में लघु वनोपजों के संग्रहण पर रोक के कारण वहां निवासरत परिवारों को हरियाली प्रसार सहित पौध वितरण योजना का लाभ उठाने में काफी दिक्कत होती थी। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के लागू होने से अब अभ्यारण्य क्षेत्र के लोगों को भी इनका भरपूर लाभ मिलने लगा है। इसे ध्यान में रखते हुए योजना के सफल क्रियान्वयन और पौध वितरण में सुविधा के लिए वनांचल स्थित दूरस्थ ग्राम चिलमा में नर्सरी विकसित की गई है।

वनमण्डलाधिकारी बलरामपुर श्री लक्ष्मण सिंह ने बताया कि सेमरसोत अभ्यारण्य के 51 गांव के लोगों के जीवन में खुशहाली को लेकर वन विभाग द्वारा यह अनूठी पहल की गई है। चिलमा में विकसित नर्सरी में इस वर्ष विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2 लाख पौधे वितरण हेतु तैयार किए गए। इनमें 50-50 हजार फलदार, औषधीय, इमारती तथा लघु वनोपज प्रजाति के पौधे शामिल हैं। इसके अलावा चिलमा के नर्सरी में 2 लाख बांस के पौधे के राइजोम बैंक भी स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम चिलमा में विगत अक्टूबर माह से विकसित किए जा रहे नर्सरी में आस-पास के गांवों के लगभग 100 पहाड़ी कोरवा लोगों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध हो रहा है।