किसानों के बीमा के 195 करोड़ रुपए से ब्याज कमाकर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी करने वालों हो दंडात्मक कार्रवाई : भाजपा

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भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर के नेतृत्व में मोर्चा पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं का ज़िला सहकारी बैंक के सामने जमकर प्रदर्शन

किसानों के नाम पर ओछी राजनीति करती प्रदेश सरकार की नाक के नीचे मिलीभगत कर किसाानों के हक़ के पैसों की खुली लूट मची हुई है : श्रीवास

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के मुआवजा के तहत रायपुर संभाग के किसानों को 195 करोड़ रुपए डीबीटी के तहत बीमा कंपनी द्वारा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर करने के बजाय ज़िला सहकारी बैंक के खाते में ट्रांसफ़र किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा है कि प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का कोई मौक़ा नहीं छोड़ रही है और किसानों के साथ क़दम-क़दम पर अन्याय की पराकाष्ठा कर रही है। श्री श्रीवास के नेतृत्व में गुरुवार को राजधानी के ज़िला सहकारी बैंक में प्रदर्शन कियाा गया, जिसमें किसान मोर्चा के ज़िला अध्यक्ष गज्जू साहू, जिला मंत्री नरेश नामदेव, कार्यालय मंत्री दिनेश तिवारी, जिला सदस्य मनहरण लाल साहू, सुशील श्रीवास, मंडल अध्यक्ष शंकर विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष द्वय परमानंद साहू व नरेन्द्र साहू, शरद ताम्रकार, गिरीश अवधिया कार्यालय मंत्री छोटा पिंटू गजेंद्र समेत भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्त्ता सम्मिलित हुए।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री श्रीवास ने किसानों के हक़ के इस पैसे के दुरुपयोग काा आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के चलते बीमा एजेंसी ने साँठगाँठ करके 195 करोड़ रुपए जिला सहकारी बैंक को ट्रांसफर किया जबकि ज़िला सहकारी बैंक इस भुगतान की पात्र ही नहीं है! यह राशि बीमा एजेंसी द्वारा सीधे किसानों के खाते में जमाा कराई जानी थी। श्री श्रीवास ने कहा कि इसके बाद बैंक ने कुछ किसानों को भुगतान किया और बाकी राशि का ब्याज खाने के लिए निजी बैंक में पैसा ट्रांसफर कर जमकर कमीशन खाया। अब मामले का भंडापोड़ होने के बाद अधिकारी सीईओ कह रहे कि 195 करोड़ रुपए गलती से बीमा कम्पनी ने भेजा। हम रकम किसानों को भेज रहे हैं! श्री श्रीवास ने किसानों के साथ बैंक में जवाब-तलब करते हुए जब डाटा मँगा तो अधिकारी पल्ला झाड़ते नज़र आये और डाटा बाद में उपलब्ध कराने की बात कही। मामले में कृषि संचालक ने भी पत्र लिखकर इसे सही नहीं माना और आपत्ति दर्ज करते हुए संबंधित अधिकारियों से सफाई मांगी है! श्री श्रीवास ने कहा कि किसानों के नाम पर ओछी राजनीति करती प्रदेश सरकार की नाक के नीचे मिलीभगत कर किसाानों के हक़ के पैसों की खुली लूट मची हुई है और जो राशि किसानों को नियमानुसार मिल जानी थी, वह अब तक किसानों को नहीं मिल सकी है। इससे प्रदेश सरकार की बदनीयती का खुलासा हो रहा है। श्री श्रीवास ने चेतावनी दी कि प्रदेश सरकार किसानों के हक़ की राशि तत्काल किसानों के खाते में जमा कराना सुनिश्चित कराए और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करे।

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