जब मन में जुनून हो तो मंजिल मिल ही जाती है, सैय्यद लुकमान ने पहाड़ की तलहटी के नीचे मल्चिंग विधि से की खेती
September 16, 2021सैय्यद लुकमान ने पहाड़ की तलहटी के नीचे आमनेर नदी के तट पर बैगन और टमाटर की मल्चिंग विधि से की खेती
शासन की योजनाओं से मिली मदद, पैक हाऊस निर्माण हेतु 2 लाख रूपए की अनुदान राशि
सब्जी क्षेत्र विकास के लिए दिया गया 40 हजार रूपए विभागीय अनुदान
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो
राजनांदगांव, जब मन में जुनून हो तो मंजिल मिल ही जाती है, इसकी एक मिसाल खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम बाकलसर्रा निवासी सैय्यद लुकमान हैं। जिन्होंने पहाड़ की तलहटी के नीचे आमनेर नदी के तट पर बैगन और टमाटर की मल्चिंग विधि का प्रयोग करते हुए आधुनिक तकनीक से खेती की है। वे अपनी क्यारी में कीटनाशक का छिड़काव कर रहे थे। उद्यानिकी फसलों के प्रति उनका रूझान प्रेरणादायक है। कठिन परिस्थितियों में उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी राह खुद बनाई। शासन की योजनाओं से उन्हें संबल मिला तथा उद्यानिकी विभाग से मदद एवं मार्गदर्शन मिला। वे अपने खेत में किस्म-किस्म की उद्यानिकी फसल ले रहें है।
सैय्यद लुकमान अपने पुत्र सैफ अली की सहायता से 10 एकड़ में बैगन की वैरायटी वीएनआर 212 तथा टमाटर 962 नामधारी की फसल ले रहें हैं। शासन द्वारा उन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत सब्जी क्षेत्र विकास के लिए 40 हजार रूपए विभागीय अनुदान प्रदान किया गया है। उन्हें कटाई उपरांत प्रबंधन के लिए पैक हाऊस निर्माण हेतु 2 लाख रूपए की अनुदान राशि प्रदान की गई है। सैय्यद लुकमान ने बताया कि यहां की सब्जियां उत्तरप्रदेश, बिहार एवं अन्य राज्यों में जा रही है। उन्होंने बताया कि बैगन एवं टमाटर जैसे फसलों में विशेष देखरेख की जरूरत होती है। इन फसलों को फल छेदक, तना छेदक जैसी बीमारियों से बचाना होता है। उन्होंने अपने खेतों में एप्पल बेर भी लगाया है।