बहस की चुनौती से भागना कांग्रेस के झूठ का प्रमाण, राजनीति को मंडी समझकर झूठ बेच रहे हैं बघेल – भाजपा

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा केंद्र सरकार की ओर से तीन साल में छत्तीसगढ़ राज्य को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि देने का खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब जहां चाहें, बहस की चुनौती देने पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया को उनका बहस से पलायन बताते हुए कहा है कि यह चोर की दाढ़ी में तिनका जैसी स्थिति नहीं तो और क्या है ? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आए दिन केंद्र सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं कि केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा, यदि यह मिल रहा होता तो कर्ज नहीं लेना पड़ता और छत्तीसगढ़ का विकास होता, लेकिन वे कभी यह नहीं बताते कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कब कितना पैसा दिया है और उन्होंने इस केंद्रीय राशि का किस तरह उपयोग अथवा दुरुपयोग किया है। अब एक बार फिर उन्होंने केंद्र से पैसा न मिलने का पुराना राग अलापा तो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुलासा कर दिया कि 3 वर्षों में भूपेश बघेल सरकार को 1 लाख करोड़ से अधिक की राशि केंद्र सरकार ने दी है। केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस विषय पर चुनौती भी दी है कि वे इस पर बहस कर लें।  लेकिन अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि मैं सिंधिया के सवालों का जवाब नहीं दूंगा। इसका सीधा मतलब यह है कि भूपेश बघेल बार-बार केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाते रहते हैं, इसलिए वह बहस से भाग रहे हैं। यदि भूपेश बघेल के आरोपों में सच्चाई होती तो वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनौती का सामना करते और छत्तीसगढ़ की जनता को यह पता चलता कि भूपेश बघेल न केवल झूठ बोल रहे हैं बल्कि लगातार झूठ बोल रहे हैं।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भूपेश बघेल झूठ बोल कर फंस गए हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे समय झूठ बोल दिया जब केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे थे। उन्होंने आते के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि यहां के मुख्यमंत्री जनता को किस तरह गुमराह करके केंद्र सरकार के प्रति विष वमन कर रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खुली चुनौती दी है कि वह यदि एक फीसदी भी सही हैं तो उन्हें बहस से भागना नहीं चाहिए और तथ्यों के आधार पर बात करना चाहिए। लोकतंत्र में सार्थक बहस बहुत जरूरी है लेकिन भूपेश बघेल आरोप लगाकर बहस से भाग जाते हैं। यह उनकी पुरानी फितरत है। भूपेश बघेल ने संविधान की शपथ ली है और उन्होंने किसी से वैमनस्य न रखने की जब शपथ ली है तो उन्हें केंद्र सरकार के मंत्री से राजनैतिक दुर्भावना के कारण वैमनस्य रखने की आखिर क्या जरूरत है। क्या वह अपनी शपथ का पालन कर रहे हैं ? दरअसल भूपेश बघेल झूठ के आधार पर जनता को गुमराह करते हुए साढ़े 3 साल बिता चुके हैं और उनका इरादा है कि अगले डेढ़ साल तक भी झूठ की खेती करते हुए उसे राजनीति के मार्केट में बेच सकें। उनकी नजर में राजनीति एक धंधा हो सकता है। लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है और अब उनका कोई झूठ चलने वाला नहीं है।

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