भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करेगा
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि नया रायपुर प्रभावित किसान कल्याण समिति द्वारा अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर विगत 3 जनवरी 2022 से अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, परन्तु भूपेश सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर किसानों की मांगों को पूरा करने के बजाय उनके ऊपर लाठीचार्ज कर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही कर रही है। इसका ताजा उदाहरण आंदोलनरत किसानों पर राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास के समय किसानों के ऊपर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर किसानों के आंदोलन को दबाने व कुचलने का प्रयास किया गया। दूसरी बार अपनी मांग पत्रों को लेकर ज्ञापन सौंपने प्रमुख सचिव के पास मंत्रालय जा रहे किसानों पर पुनः लाठीचार्ज कर मारपीट कर पुलिसिया कार्यवाही किया गया। जिसमें स्थानीय निवासी ग्राम बरौदा के सियाराम पटेल का धरनास्थल पर ही निधन हो गया। किसान सियाराम पटेल के मृत्यु के बाद भी आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी झूठे वादों से बचने के लिए बुढ़ातालाब धरना स्थल पर विद्युत कर्मचारियों के ऊपर पुलिसिया कार्यवाही में बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। जिसमें कई कर्मचारियों को गंभीर चोट भी आयी है। उसी दिन 23 अप्रैल 2022 को धरना स्थल पर सो रहे किसानों के ऊपर मध्यरात्रि को अचानक पुलिसिया कार्यवाही किया गया। वहीं किसानों की गिरफ्तारी कर उन्हें बलपूर्वक हटाया तथा बाकि आंदोलनरत किसानों को तितर-बितर करने लाठी व बल का प्रयोग किया गया। तत्पश्चात धरना स्थल पर लगे हुए पंडाल, खाना बनाने के बर्तन, चावल, सामानों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया गया तथा सामानों को जब्त कर थानों में रखा गया व बंदी बनाए गए किसानों को कभी राखी थाना तो कभी जेल परिसर तो कभी माना थाने घुमाकर चकमा देते हुए उनके ऊपर पुलिसिया कार्यवाही किया गया। अन्य आंदोलनरत कर्मचारियों व मितानिनों के ऊपर अत्याचार कर बलपूर्वक पुलिसिया कार्यवाही किया गया। इसी तरह भूपेश सरकार आंदोलनरत किसानों, कर्मचारियों एवं मितानिनों के ऊपर पुलिसिया डर दिखाकर आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक नवीन मार्कडेय ने प्रदेश सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि क्या पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दिया गया ? क्या प्रदेश में व्यक्ति को अपनी बातें रखने की आजादी नहीं है, स्वतंत्रता का गला क्यों घोंटा जा रहा है ? क्या एसडीएम के द्वारा आंदोलन समाप्त करने का जो हवाला दिया गया है वह उचित है ? पुलिस किसानों को कहां लेकर गई तथा किस धारा के अंतर्गत उन्हें लेकर गया ? छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री अन्य प्रांत जाकर बड़ी-बड़ी घोषणा करता है और छत्तीसगढ़ के किसानों के मांग पर जो वादा किया गया था उसे पूरा नहीं कर रहे है,बल्कि उसे बर्बरतापूर्वक जूतें की नोक पर कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। किसान हितैषी होने का नाटक करने वाली प्रदेश सरकार क्यों किसानों के ऊपर कभी लाठीचार्ज तो किसानों के द्वारा किए जा रहे आंदोलन को कुचलने का प्रयास पुलिसिया सहारा लेकर कर रही है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते ही आपातकाल जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश सरकार अपने किए वादों को पूरा करने के बजाय आंदोलनरत किसानों के ऊपर बर्बरतापूर्वक कार्यवाही कर रही है। क्या यही है अपने आपको किसान हितैषी बताने वाली सरकार का असली चेहरा। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के ऊपर अत्याचार करना बंद कर उनकी मांगों को पूरा करें नहीं तो भाजपा किसान मोर्चा पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करेगा। इस दौरान पत्रकारवार्ता में किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष पूनम चंद्राकर, अजय साहू, अनिल नायक मौजूद रहे।