गर्मी के इस मौसम में ईब नदी नहर के पानी से किसानों की खेती लहराने लगी, जल संसाधन विभाग के ईब व्यपवर्तन योजना का लाभ लेकर कुनकुरी क्षेत्र के लभगभ 3 हजार किसान दो फसल का लाभ उठा रहें

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जोरातराई के किसान पंकज कुमार चौहान और रामसेवक राम ने 2 एकड़ खेत में लगाई हरी साग-सब्जी

किसानों ने पानी की सुविधा से खुश होकर छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को दिया धन्यवाद

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर जिले के दूरस्थ अंचल के किसान जल संसाधन विभाग जशपुर की ईब व्यपवर्तन योजना का लाभ उठा कर कुनकुरी क्षेत्र के लभगभ 3 हजार किसान साल में रबी एवं खरीफ की दो फसल लेकर खुश हैं। गर्मी की मौसम में किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए नहरों से पानी आसानी से मिल रहा है जिससे किसानों के खेतों में हरियाली लहराने लगी है।

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री विजय जामनिक ने बताया कि कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम जोरातराई, रेंगारघाट, बासंताला, हस्तीनापुर, चटकपुर और नावाटोली के किसान विभाग की योजना के तहत् ईब नदी के पानी का उपयोग कर रहें हैं। जोरातराई के किसान श्री पंकज कुमार चौहान और श्री रामसेवक राम, श्री मेघनाथ, श्री बेनेदिक कुजूर ने अपने 1-1 एकड़ के खेत में गर्मी के मौसम में बरबटी, लौकी, मक्का, मिर्च, टमाटर और हरी साग-सब्जी लगाया गया हैं। उन्होंने बताया कि दोनो सीजन में खेती करने के लिए पानी ईब नदी से आसानी से मिल जाती है।

जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्री एल.के.तिग्गा और इंजीनियर श्री बाल कुवर साय ने बताया कि ईब नदी में एलबीसी और आरबीसी दायॉ-बॉया तट दो लाईनों से किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाता है। ईब नदी का पानी किसानों के लिए छोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में आर.बी.सी. के तहत् 764 हेक्टर में और एलबीसी तहत् 1025 हेक्टर में लगभग 1900 हेक्टर में फसल लगाया जाता है। इसी प्रकार रबी सीजन में आरबीसी के तहत् 77 हेक्टर में और एलबीसी के तहत् 74 हेक्टर लगभग 151 हेक्ट में फसल लगाया गया है। दोनों सीजन में किसानों को लाभ मिल रहा है।

किसानों ने बताया कि दो फसल लेने से अब उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है। घर में खाने केे लिए भी साग-सब्जी हो जाती है और स्थानीय बाजारों में विक्रय करने पर एक सीजन में 80-90 हजार तक आर्थिक लाभ हो जाता है। किसानों ने बताया कि अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन यापन कर रहें हैं। नहर से पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

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