केंद्रीय मंत्री ने कहा अबूझमाड़िया बच्चों का मलखम्ब प्रदर्शन अद्भूत, बच्चो के साथ लगाए छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के नारे लगाए
April 25, 2022समदर्शी न्यूज ब्यूरो, नारायणपुर
केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय आज अपने नारायणपुर प्रवास के दौरान मलखम्ब अकादमी पहुंचे। वहंा उन्होंने अबूझमाड़िया बच्चों द्वारा मलखम्ब के प्रदर्शन को देखा और सराहा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बच्चों द्वारा की जा रही प्रतिभा का प्रदर्शन अद्भूत और सराहनीय है। उन्होंने मलखम्ब प्रदर्शन करने वाले बच्चों का आव्ह्ान करते हुए कहा कि वे अपनी अभूतपूर्व जीवनशैली और मलखम्ब कौशल को और अधिक बढ़ाते हुए नारायणपुर सहित छत्तीसगढ़ और देश का नाम दुनिया में रौशन करें। उन्होंने कहा कि देश के आकांक्षी जिलो में शामिल नारायणपुर जिले के विकास के लिए शासन द्वारा योजनाएं बनायी गयी है और उसके तहत् प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यहां की प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं और लोगों की जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए विकास को आगे बढ़ाना है। बच्चों ने जिस प्रतिभा का प्रदर्शन किया है, वह अद्वितीय और अभिंनंदनीय है। मंत्री डॉ पाण्डेय ने कहा कि खेत प्रतिभा को बढ़ाने में राज्य और देश की सरकार साथ-साथ मिलकर प्रयास कर रही है और उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि यहां के बच्चे इस खेल में और आगे बढ़ेंगे।
केन्द्रीय मंत्री श्री पाण्डेय ने बच्चों के साथ खिंचवायी फोटो, लगाया छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा
मलखम्ब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के आग्रह पर केन्द्रीय भारी उद्योग, मंत्री डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने मलखम्ब खिलाड़ियों के साथ नीचे जमीन पर बैठकर फोटो खिंचवाई और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा भी लगाया। इस दौरान उन्होंने मलखम्ब खिलाड़ियों से बातचीत भी की और उनकी दिनचर्या, अभ्यास करने का समय, मिलने वाली सुविधायें, डाईट आदि के बारे में पूछा। मंत्री डॉ पाण्डेय ने गोरेगांव में आयोजित होने वाली हैंड स्टैण्ड मलखम्ब प्रतियोगिता में विजयी होकर लौटे जिले के राकेश वड्दा और राजेश कोर्राम से आत्मीय बातचीत की और भविष्य में इसी प्रकार के प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि अबूझमाड़ के मलखम्ब मास्टर राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अब तक 40 से भी अधिक मैडल जीतकर प्रदेश का नाम रौशन किया है। नारायणपुर जिले के मलखम्ब खिलाड़ी अब छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में भी अपनी अलग पहचान बना रहे है।