जिला विधिक सेवा शिविर का हुआ आयोजन, घरेलू हिंसा, टोनही प्रताडना के संबंध में दी गई जानकारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमति अनिता डहरिया ने विधिक सेवा शिविर का आयोजन कर नागरिकों को घरेलू हिंसा, टोनही प्रताडना के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अपराध के साथ सामाजिक बुराई है। घरेलू हिंसा में प्रत्यर्थी के कार्य से पीड़िता के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, अंग की या चाहे उसकी मानसिक या शारीरिक भलाई की अपहानि या उसे कोई क्षति या ऐसा संकट होता है। उसके साथ अपमान, उपहास, तिरस्कार गाली और विशेष रूप से संतान, बालक के न होने के संबंध में अपमान या उपहास किया जाता ह, उसे किसी चीज से जिसकी वह विधिपूर्ण रूप से हकदार है उससे वंचित किया जाता है तो उक्त कृत्य घरेलू हिंसा की परिधि में आयेगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ टोनही प्रताडना निवारण अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि जो कोई टोनही के रूप में पहचानी गयी किसी महिला को शारिरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुचायेगा तो वह जुर्माने सहित कठोर कारावास से दण्डनीय होगा। कोई यह दावा करता है कि वह टोनही के रूप में पहचानी गयी किसी महिला का झाड फूंक आदि से ईलाज कर सकता है तो वह जुर्माने सहित कठोर कारावास से दण्डनीय होगा। जो कोई टोनही के रूप में किसी प्रकार की क्षति कारित करने की शक्ति रखने का दावा करता है तो वह जुर्माने सहित कठोर कारावास से दण्डनीय होगा।

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